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    UP: अदाणी पावर के फिक्स और वेरिएबल चार्जेज में अनियमितता, विद्युत नियामक आयोग ने प्रस्ताव पर लगाई रोक

    By Hemant Kumar Srivastava Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 21 Nov 2025 11:59 AM (IST)

    UPPCL News: भारत सरकार के आदेश के मुताबिक अब ताप बिजली घरों में एफजीडीएस स्थापित नहीं किया जाना है। अदाणी पावर के साथ हुए बिजली खरीद समझौते में एफजीडीएस की लागत भी सम्मिलित है, जिसके चलते कम से कम 55 पैसे प्रति यूनिट से 75 पैसे प्रति यूनिट तक अधिक दर पर यह करार किया गया है।

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    उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने फिक्स और वेरिएबल चार्जेज में अनियमितता मिलने पर अदाणी पावर से 1500 मेगावाट बिजली खरीद के प्रस्ताव पर फिलहाल रोक लगा दी है। आयोग ने इस संबंध में पावर कारपोरेशन प्रबंधन से अदाणी पावर को भी पार्टी बनाते हुए 18 दिसंबर तक एफजीडीएस (फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन संयंत्र) नहीं लगाने और जीएसटी में राहत से बिजली खरीद की कीमत घटने संबंधी प्रस्ताव दाखिल करने आदेश दिए हैं।

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    भारत सरकार के आदेश के मुताबिक अब ताप बिजली घरों में एफजीडीएस स्थापित नहीं किया जाना है। अदाणी पावर के साथ हुए बिजली खरीद समझौते में एफजीडीएस की लागत भी सम्मिलित है, जिसके चलते कम से कम 55 पैसे प्रति यूनिट से 75 पैसे प्रति यूनिट तक अधिक दर पर यह करार किया गया है। इस संयंत्र की लागत 1.2 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट है, इसको लगाने का खर्च उपभोक्ताओं से ही वसूल किया जाता है।

    आयोग ने प्रबंधन से सवाल किया है कि एफजीडीएस संयंत्र नहीं लगाने पर लागत कम होने का विश्लेषण क्यों नहीं किया गया। इससे फिक्स कास्ट और वेरिएबल कास्ट बढ़ती है। आयोग ने कोयले पर जीएसटी की संशोधित दरों को लेते हुए भी बिजली की कीमत कम होने पर का सवाल उठाते हुए रिपोर्ट तलब की है। कारपोरेशन प्रबंधन ने अदाणी पावर से 5.38 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीद का समझौता किया है।

    विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अदाणी थर्मल से बिजली खरीद के मामले में गड़बड़ियां सामने आने के बाद ग्रांट थार्नटन कंपनी के तैयार बिजली कंपनियों के निजीकरण के आरएफपी डाक्यूमेंट को तत्काल रद किया जाए। इसके साथ ही सरकार निजीकरण का निर्णय भी निरस्त करे।