विकसित उत्तर प्रदेश 2047: उच्च शिक्षा को संस्कार, रोजगार और तकनीक से जोड़ने का संकल्प
लखनऊ में 'विकसित उत्तर प्रदेश @2047' अभियान के तहत उच्च शिक्षा कॉन्क्लेव आयोजित किया गया। यहाँ शिक्षा को संस्कार, रोजगार और तकनीक से जोड़ने पर चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार हर मंडल में नए विश्वविद्यालय खोलेगी। लक्ष्य है कि 2047 तक प्रदेश के 10 विश्वविद्यालय विश्व के टॉप 500 में शामिल हों। विशेषज्ञों ने शिक्षा में सुधार के लिए कई सुझाव दिए।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विकसित उत्तर प्रदेश @2047 संकल्प से समृद्धि तक अभियान के अंतर्गत उच्च शिक्षा कान्क्लेव में भविष्य की जरूरतों के मुताबिक उच्च शिक्षा को संस्कार, रोजगार और तकनीक से जोड़ने की रणनीति पर गहन चर्चा हुई।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विकसित उत्तर प्रदेश की मजबूत आधारशिला है। इसका उद्देश्य शिक्षा को संस्कारों से जोड़ते हुए युवाओं को रोजगार एवं स्टार्टअप के लिए तैयार करना है।
योजना भवन में आयोजित उच्च शिक्षा कान्क्लेव में शिक्षामंत्री ने बताया कि सरकार प्रत्येक मंडल में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था को बढ़ाने पर तेजी से कार्य कर रही है। इससे विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय चुनौतियों को उपलब्धियों में बदलने में सक्षम हैं और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और डा. जीएन सिंह ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को छह ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में उच्च शिक्षा की निर्णायक भूमिका है।
2047 तक कम से कम 10 विश्वविद्यालयों को विश्व की शीर्ष 500 रैंकिंग में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू ने उच्च शिक्षा में एक्शन प्लान, मासिक मानिटरिंग, आपरेशनल एफिशिएंसी, स्टार्टअप-इनोवेशन सेंटर, सीएसआर फंडिंग और शिक्षकों की सक्रिय भूमिका जैसे सुधारों पर ठोस सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की परंपरा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर वैश्विक गुणवत्ता हासिल की जा सकती है। कान्क्लेव में कुलपतियों, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने उच्च शिक्षा के भविष्य के लिए ठोस सुझाव और रोडमैप प्रस्तुत किया।

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