राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरा होने पर गूंजा राष्ट्रप्रेम का महामंत्र, 18 शहरों में हुआ सामूहिक गायन
राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर देश भर में राष्ट्रप्रेम की भावना उमड़ पड़ी। यह गीत, जो स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, आज भी भारत की एकता और देशभक्ति की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ: वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर शुक्रवार को राजधानी लखनऊ सहित 18 शहरों में वंदे मातरम का सामूहिक गायन हुआ। प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह के साथ प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बड़ी संख्या में नेताओं व कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत महामंत्र वंदे मातरम का सामूहिक गायन करते हुए मां भारती को नमन किया।
यह कार्यक्रम लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, फिरोजाबाद, नोएडा, कानपुर, शाहजहांपुर, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, प्रयागराज तथा झांसी में हुआ।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मपाल ने कहा कि वंदे मातरम राष्ट्र की नवचेतना का गान है और यह मां भारती के लिए सर्वस्व समर्पण का प्रेरक महामंत्र है। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम पिछले 150 वर्षों से भारतीयों को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित कर रहा है। यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक बना और स्वतंत्रता सेनानियों के होंठों पर स्वाधीनता का उद्घोष बन गया।उन्होंने कहा कि वंदे मातरम भारत माता के प्रति समर्पण, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। तमाम ऐतिहासिक विरोधों के बावजूद यह गीत राष्ट्रवाद, स्वाभिमान और स्वदेशी का प्रतीक बनकर आज भी एकता की भावना को प्रबल करता है।
कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष त्रयम्बक त्रिपाठी ने वंदे मातरम की ऐतिहासिक यात्रा साझा की। संचालन प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने किया। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, देवेश कुमार, प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता, सुभाष यदुवंश, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, सहप्रभारी हिमांशु दुबे आदि उपस्थित थे।

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