SIR in UP: एसआईआर के दौरान जो मतदाता अपने घर नहीं थे उनके लिए भी हो गई व्यवस्था, बीएलओ को मिली नई जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान कई मतदाता अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए। निर्वाचन आयोग ने बीएलओ को निर्देश दिया है कि व ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान के दौरान बड़ी संख्या में मतदाता अपने पंजीकृत पते पर अनुपस्थित पाए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अब ऐसे सभी मतदाताओं से सीधे फोन पर संपर्क करने का निर्देश बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को दिया है। जिन मतदाताओं के मोबाइल नंबर आयोग के डाटाबेस में उपलब्ध हैं, उनसे बीएलओ बात कर उनकी वास्तविक स्थिति की पुष्टि करेंगे।
बीएलओ यह पता लगाएंगे कि संबंधित मतदाता उसी पते पर रहते हैं या वे कहीं और स्थानांतरित हो चुके हैं। यदि मतदाता दूसरे स्थान पर स्थानांतरित पाए जाते हैं, तो उन्हें ‘शिफ्टेड’ श्रेणी में दर्ज किया जाएगा। चुनाव आयोग का मानना है कि जमीनी स्तर पर पड़ताल के दौरान अनुपस्थित पाए गए मतदाताओं की स्थिति स्पष्ट करना आवश्यक है, ताकि मतदाता सूची को सही और अद्यतन बनाया जा सके।
गौरतलब है कि एसआइआर अभियान को पहले चार दिसंबर तक पूरा किया जाना था, लेकिन अधिकांश जिलों में प्रगति संतोषजनक न होने के कारण इसकी अवधि एक सप्ताह बढ़ाते हुए 11 दिसंबर कर दी गई है। पुरानी तिथि को आधार मानें तो गुरुवार की शाम तक 90.30 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र जमा होकर आनलाइन दर्ज हो चुके हैं।
कुल 1,62,486 पोलिंग बूथों में से 63,706 बूथ ऐसे हैं जिन्होंने शत-प्रतिशत पुनरीक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि आगामी चुनावी प्रक्रियाओं से पूर्व मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिरहित और सटीक हो। इसी कड़ी में अब फोन आधारित सत्यापन को भी पुनरीक्षण प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया है, ताकि प्रत्येक मतदाता की स्थिति सुनिश्चित की जा सके और किसी का नाम अनजाने में न हटे या गलत श्रेणी में न चला जाए।

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