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    World Peace Conference: पाक-चीन और बांग्लादेश को न्योता नहीं, एक बार फिर भारत सरकार ने नहीं दी अनुमति

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 08:32 PM (IST)

    विश्व शांति सम्मेलन में पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन को आमंत्रित नहीं किया गया, क्योंकि भारत सरकार से अनुमति नहीं मिली। नेपाल और श्रीलंका से कोई प्रतिनिधि नहीं आया, जबकि भूटान ने भाग लिया। सम्मेलन में 51 देशों के न्यायाधीश शांति और एकता के लिए वैश्विक कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं।

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    लखनऊ: शुक्रवार को सिटी मोंटेसरी स्कूल की एलडीए कालोनी में कानपुर रोड स्थित शाखा में आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जगदीश गांधी ग्लोब का अनावरण करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साथ में भारती गांधी और गीता गांधी। सूचना विभाग


    जागरण संवाददाता, लखनऊ। विश्व भर में शांति और एकता का संदेश देने के लिए 51 देशों के न्यायाधीशों के सम्मेलन में पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन को नहीं बुलाया गया है। कारण, इस बार भी इन देशों को आमंत्रित करने के लिए भारत सरकार से अनुमति नहीं मिल सकी। आमंत्रित किए गए नेपाल और श्रीलंका से कोई प्रतिनिधि नहीं आया, जबकि भूटान ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।

    सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) की कानपुर रोड शाखा में बीस नवंबर से शुरू हुए तीन दिवसीय विश्व के मुख्य व अन्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में मेजबान भारत समेत 51 देशों के न्यायाधीश जुटे हैं, जो आर्टिकल 51 पर चर्चा करेंगे, जिससे शांति और एकता को लेकर एक वैश्विक स्तर का कानून बनाया जा सके।

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    गौरतलब है कि आर्टिकल 51 का आयोजन करने वाले सीएमएस प्रबंधन का भी कहना है कि भारत सरकार ने पाक, चीन और बांग्लादेश को प्रतिबंधित कर रखा है। 2002 में हुए सम्मेलन में अंतिम बार हीं पाकिस्तान, बांग्लादेश के न्यायाधीश शामिल हुए थे, लेकिन चीन को कभी आमंत्रित नहीं किया गया था। इन देशों को आमंत्रण न भेजने के लिए गृह मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय की तरफ से कहा गया था।

    विश्व न्यायाधीशों के सम्मेलन का यह 25वां वर्ष और 26वां सम्मेलन है। सिटी मांटेसरी स्कूल के हेड कम्युनिकेशंस ऋषि खन्ना ने बताया कि 2002 में हुए विश्व न्यायाधीशों के सम्मेलन में अंतिम बार ही पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रतिनिधि आए थे और उसके बाद से गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय की तरफ से पहले ही प्रतिबंधित देशों की सूची दे दी जाती है, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन का नाम है।