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    UP News: एक्स-रे टेक्नीशियन नियुक्ति में फर्जीवाड़े का आरोप, इन अधिकारियों से होगी पूछताछ

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 12:49 AM (IST)

    लखनऊ में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। यूपीएसएसएससी द्वारा 2016 में चयनित 403 तकनीशियनों की सूची के आधार पर नियुक्तियां की गईं लेकिन फर्जी नियुक्तियों की आशंका है। तत्कालीन महानिदेशक और सीएमओ सहित कई अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। जांच जारी है और छह जिलों के सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

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    एक्स-रे टेक्नीशियन नियुक्ति फर्जीवाड़े में निशाने पर अधिकारी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में एक्स-रे टेक्नीशियन की नियुक्ति के फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य महानिदेशालय के डाक्टर, कर्मचारी निशाने पर हैं। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) से चयनित 403 टेक्नीशियन की सूची मिलने के बाद नियुक्ति के आदेश महानिदेशालय में तैनात निदेशक पैरामेडिकल ने जारी किए थे।

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    यह भी पता लगाया जा रहा है कि चयनित 403 टेक्नीशियन की सूची को आधार बनाकर और कितने लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है।

    अर्पित और अंकित के नाम से छह-छह, अंकुर के नाम से दो एक्स-रे टेक्नीशियन के नौकरी करने के मामले में स्वास्थ्य महानिदेशालय के तत्कालीन महानिदेशक, निदेशक पैरामेडिकल, संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल, पैरामेडिकल की नियुक्ति, तबादला का कार्य देखने वाले फोर-डी (2) अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक और लिपिकों से पूछताछ होगी।

    यूपीएसएसएससी से चयनित एक्स-रे टेक्नीशियन की सूची मिलने के बाद नियुक्ति पत्र जारी करने के लिए इन सभी अधिकारी-कर्मचारियों के स्तर से ही कार्रवाई होती है। इसके अलावा नियुक्ति पत्र के आधार पर सेवा में लेने वाले तत्कालीन सीएमओ से भी इस मामले में पूछताछ होगी।

    स्वास्थ्य महानिदेशालय के सूत्रों के तत्कालीन महानिदेशक, निदेशक, अनुभाग अधिकारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन सभी अधिकारियों की मिलीभगत से इतना बड़ा फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता, इसलिए सभी को तलब किया जाएगा।

    इस मामले में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है कि महानिदेशक स्तर से इस मामले की जांच की जा रही है। अभी कुछ कहना संभव नहीं है।

    छह जिलों के सीएमओ महानिदेशालय पहुंचे

    एक्स-रे टेक्नीशियन नियुक्ति फर्जीवाड़े के मामले के सामने आने के बाद रविवार को फर्रुखाबाद, बांदा, हाथरस, बलरामपुर, बदायूं , रामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अपनी जांच रिपोर्ट लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचे।इन सभी ने महानिदेशालय स्तर से बनी जांच समिति के सामने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।

    स्वास्थ्य महानिदेशक डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम, डा़ शुभ्रा मिश्रा, निदेशक नर्सिंग डा़ सीमा श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक शिवेंद्र मिश्रा को इस फर्जीवाड़े की जांच की जिम्मेदारी दी है।

    सूत्रों के अनुसार 403 टेक्नीशियन की सूची में क्रमांक 80 पर दर्ज अर्पित सिंह ने 2016 में हाथरस सीएमओ के अधीन तैनाती पाई थी। अन्य जिलों में उसके नाम से फर्जी अर्पित के नौकरी करने की जानकारी मिली थी। सभी सीएमओ से तैनाती, वेतन जारी होने के दस्तावेज तलब किए गए थे।