'...तब लोकतंत्र कमजोर होता है', संविधान दिवस के अवसर पर क्या बोले सीएम योगी?
संविधान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ग्रंथ है। उन्होंने नागरिकों से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए पंच प्रण अपनाने का आग्रह किया। उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने संविधान विरोधियों को माफ न करने की बात कही। कार्यक्रम में संविधान निर्माण से जुड़ी लघु फिल्म भी दिखाई गई।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ । संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का संविधान केवल अधिकारों का ग्रंथ नहीं, बल्कि कर्तव्यों का पवित्र दायित्व भी है। उन्होंने चेताया...''''जब कोई नागरिक अपने कर्तव्य भूलकर केवल अधिकारों की बात करता है, तब लोकतंत्र कमजोर होता है। कर्तव्यों के बगैर अधिकार सुरक्षित ही नहीं रह सकते हैं।''''
लोक भवन सभागार में आयोजित संविधान की उद्देशिका का शपथ पाठ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि ''''डा. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माताओं ने दो वर्ष 11 महीने 18 दिन की कठिन मेहनत से दुनिया का सबसे समावेशी संविधान दिया।
इसका अनादर करना, बाबा साहब और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है।'''' उन्होंने कहा कि आजादी की पीड़ा न देखने वाली पीढ़ियां स्वतंत्रता का मूल्य भूल रही हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में संविधान दिवस शुरू कर देश को मूल संवैधानिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प का उल्लेख करते हुए नागरिकों से पंच-प्रण अपनाने की अपील की। पंच प्रण में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, विरासत का सम्मान, वर्दीधारी बलों का सम्मान, सामाजिक एकता और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदार कार्य ही संविधान का सम्मान है। ''''छात्र समय से पढ़े, शिक्षक ईमानदारी से पढ़ाएं, व्यापारी निष्पक्ष व्यापार करें, सरकारी कर्मचारी फाइलें समय से निस्तारित करें यही संविधान की सच्ची सेवा है।'''' उन्होंने आगाह किया कि कर्तव्य में लापरवाही, संविधान और राष्ट्र दोनों का अनादर है।
सामाजिक सौहार्द पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर विद्वेष फैलाना भारत को कमजोर करने की कोशिश है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। विकसित उप्र के संकल्प का जिक्र करते हुए बताया... ''''अब तक 98 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।
हर पांच परिवार में से एक परिवार ने विकसित यूपी का रोडमैप दिया है। सरकार जिला व प्रदेश स्तर पर उत्कृष्ट सुझाव देने वालों को सम्मानित भी करेगी।'''' मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि आत्मनिर्भर ग्राम, वार्ड और जनपद ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगे। संविधान दिवस पर उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए बाबा साहेब आंबेडकर को नमन किया और कार्यक्रम के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा दुनिया में अद्वितीय है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो लोग संविधान विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं या लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास करते हैं, उन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने संविधान के प्रति जन-जागरूकता को और बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संविधान हमें जितने अधिकार देता है, उतने ही कर्तव्य भी सौंपता है। हर नागरिक को चाहिए कि वह संविधान में निहित मूल्यों-समानता, भाईचारे और कानून के शासन का पालन करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी संविधान का सबसे बड़ा सम्मान है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संविधान की उद्देशिका का सशपथ पाठन कराया। अतिथियों ने भारत माता व डा. आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान संविधान निर्माण से जुड़ी एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी सभी को कर्त्तव्यों का पालन करने की सलाह दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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