गंडक नदी पर नेपाल बना रहा 30 करोड़ का झूला पुल, अब सुस्ताचार गांव के लिए 50 किमी कम हो जाएगी यात्रा
बिहार व सुस्ताचार गांव के लोगों का नेपाल जाना अब आसान होगा। आठ वर्ष से निर्माणाधीन झूला पुल का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। झूला पुल निर्माण सीमा विवाद के कारण कुछ वर्षों तक रुका था लेकिन अब इसके निर्माण में तेजी आ गई है। इस पुल के बनने से 1200 की आबादी वाले सुस्ताचार गांव के लोगों का नेपाल जाना आसान होगा।

बहुआर (महराजगंज), जागरण संवाददाता। नेपाल के सुस्ता नगर पालिका के वार्ड पांच के सकरदीनही और सुस्ताचार गांव को आवागमन के लिए जोड़ने के लिए नेपाल द्वारा आठ वर्षों से गंडक नदी पर झूला पुल बनाया जा रहा। कार्यदायी संस्था सस्पेंशन बृज डिविजन द्वारा 30 करोड़ (नेपाली) मुद्रा से निर्मित हो रहे 1500 मीटर लंबे झूला पुल का निर्माण करीब 70 प्रतिशत पूरा हो गया है।
बिहार व सुस्ताचार गांव के लोगों का नेपाल जाना होगा आसान
पुल बनने से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला व उत्तर प्रदेश महराजगंज जिला के सोहगीबरवा, शिकारपुर, भोथहा गांव के लोगों का नेपाल में जाने का रास्ता सुगम हो जाएगा। सुस्ता गांव पालिका के ग्रामीण रामबहादुर थापा, प्रवींद्र यादव, बाबूशाहब, सफरुद्दीन, प्रकास ने बताया कि नेपाल का सुस्ताचार गांव गंडक नदी के पार है। यहां जाने के लिए बिहार के चकदहवा, भेड़िहारी व रामपुरवा गांव सीमा नाका से प्रवेश करना पड़ता है।
सुस्ताचार गांव में है नेपाल प्रहरी का थाना
सुस्ताचार गांव में नेपाल प्रहरी का थाना है और करीब 1200 आबादी नेपाल के ग्रामीणों की है। उसके बाद गंडक नदी है। नदी पर पुल न होने से सुस्ताचार के लोग नेपाल से कटे थे। सुस्ता के ग्रामीण मुनीब गौतम ने कहा कि सुस्ता के इसी क्षेत्र में भारत-नेपाल की सीमा का विवाद है। सुस्ताचार व बिहार की सीमा निर्धारण करने वाले नोमेंसलैंड व पिलरों का निर्धारण अभी नहीं हो पाया है। झूला पुल निर्माण सीमा विवाद के कारण कुछ वर्षों तक रुका था, लेकिन अब इसके निर्माण में तेजी आ गई है।
नेपाल नवलपरासी जिला के सीडीओ विश्व प्रकाश अर्याल का कहना है कि नेपाल के सुस्ता गांव पालिका का एक हिस्सा पास होकर भी गंडक नदी की वजह से काफी दूर हो गया था। सुस्ता को जोड़ने के लिए नदी पर नेपाल सरकार द्वारा 1500 मीटर लंबा झूला पुल बनाया जा रहा है। इसके पूर्व सुस्ता जाने के लिए नेपाल से घूमते हुए बिहार के रास्ते जाना पड़ता था। अब 50 किमी यात्रा कम हो जाएगी। पुल के दोनों नाकों पर सुरक्षा दृष्टि से सुरक्षा चौकी भी बनाई जाएगी।
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