UP: जिला आबकारी अधिकारी पांच हजार की ले रहे थे रिश्वत, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा
जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा को शराब दुकान लाइसेंस के लिए रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह रिश्वत लेते दिख रहे थे जिसके बाद जिलाधिकारी ने जांच कराई और उन्हें दोषी पाया गया। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। आरोप है कि वह नई दुकानों के मालिकों से अवैध वसूली करते थे।

जागरण संवाददाता, महोबा। शराब दुकान के अनुज्ञापी से स्थाई लाइसेंस के नाम पर पांच हजार रुपये लेने का जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित हुआ था। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने इसकी जांच एडीएम से कराई और जांच में वह दोषी पाए गए।
प्रकरण का आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने संज्ञान लिया और आरोपित अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। मंत्री ने फेसबुक पर निलंबन संबंधी पोस्ट भी डाली है। निलंबित अधिकारी देवरिया के निवासी है।
शहर में स्थित कंपोजिट दुकान नंबर-6 के अनुज्ञापी कुलदीप सिंह ने बताया था कि उसे पहली बार दुकान आवंटित हुई है और वह इस कार्य में नया है। जिला आबकारी अधिकारी कई बार दुकान निरस्त करने का भय दिखाकर रुपया ले चुके है। इनमें से एक बार रुपये लेते हुए उसने वीडियो बना लिया।
अधिकारी कंपोजिट शराब की दुकान का स्थाई लाइसेंस देने के एवज में 12 हजार रुपये मांग रहे है। प्रमुख सचिव आबकारी लखनऊ सहित अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा गया था। अनुज्ञापी ने 26 अगस्त को इसका वीडियो प्रचलित किया। जिसमें वह अधिकारी की टेबिल में रुपये रखकर कह रहा है कि पांच ये है साहब और छह हम सोमवार को दे देंगे...तभी आवाज आती है कि लपेट के रख दो।
इसके बाद अधिकारी कागज में लपटे रुपयों को उठा लेते है। इसके बाद 27 अगस्त को भाजपा जिला कार्यसमिति के सदस्य नरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में शराब दुकानों के अनुज्ञापियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
जिसमें लिलवाही की राजकुमारी, कंपोजिट ग्योड़ी के बद्रीविशाल, ग्योड़ी के सिद्धशरण, चिचारा के शिवप्रताप सिंह सहित करीब 20 अनुज्ञापियों ने डीएम को बताया कि जिला आबकारी अधिकारी का रुपये लेते इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रचलित हुआ था। वह पूरी तरह सही है।
आबकारी अधिकारी ने उसने भी रुपये लिए। इस पर डीएम गजल भारद्वाज ने एडीएम वित्त एवं राजस्व रामप्रकाश से इसकी जांच कराई। जिसमें आबकारी अधिकारी दोषी पाए गए। उप्र के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने इसे गंभीरता से लिया और उन्होंने आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा को निलंबित कर दिया है। इसकी पोस्ट भी फेसबुक के माध्यम से उन्होंने साझा की है।
2018 में रिश्वत लेते पकड़े गए थे आबकारी अधिकारी
महोबा : आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद का रुपये लेते हुए वीडियो प्रचलित हो गया। विभाग का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व 2018 में दुकानों की प्रतिभूति राशि मांगने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते तत्कालीन आबकारी अधिकारी अरविंद कुमार को एंटी करप्शन लखनऊ की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा था। अब यह मामला सामने आने से विभाग फिर से सुर्खियों में आ गया।
नई दुकानों के अनुज्ञापियों का करते थे उत्पीड़न
जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा 2023 में महोबा आए थे। शुरूआत में कुछ दिनों तक तो सब सही चला, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपना वसूली अभियान शुरू किया। अनुज्ञापी बताते है कि वह नई दुकान संचालकों का उत्पीड़न करते थे और स्थाई लाइसेंस के नाम पर 12-15 हजार रुपये वसूले जाते थे।
जो उनकी मांग पूरी नहीं करता था उसकी दुकान बंद करने या फिर लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दी जाती थी। कई महीनों से वह शिकायतकर्ता के साथ ही करीब 20 अनुज्ञापियों से रकम ऐंठ रहे थे।
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