बदहाल व्यवस्था का दंश झेल रही जिला अस्पताल की ओटी, स्थिति देख दंग रह गए अधिकारी
महोबा जिला अस्पताल की माइनर ओटी में बदहाली का आलम है। यहां स्टेरलाइजेशन मशीन खराब है और औजार बिना स्टेरलाइज किए ही इस्तेमाल हो रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा है। सर्जिकल लाइट टूटी है और हाइड्रोलिक टेबल भी खराब है। सीएमओ ने निरीक्षण कर सुधार के निर्देश दिए हैं। ओटी में बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगाने और स्टेरलाइजेशन पर ध्यान देने को कहा गया है।

जागरण संवाददाता, महोबा । जिला पुरुष अस्पताल की माइनर ओटी की व्यवस्थाएं बदहाल है। यहां कोई भी आ जा सकता है। यहां पर स्टेलाइज मशीन धूल फांक रही है तो वहीं सभी औजार बिना स्टेलाइजेशन के इस्तेमाल किए जाते हैं।
सर्जिकल लाइट तीन माह से टूटी और हाइड्रोलिक टेबिल की स्थिति दयनीय है। किसी माइनर सर्जरी में प्रयुक्त होने वाले औजारों और पट्टी का स्टेलाइजेशन नहीं किया जाता।
गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा
ओटी और उपकरण को बैक्टीरिया रहित न किए जाने से गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा मंडरा रहा है। सीएमओ व सीएमएस ने यहां का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए है।
जिला पुरुष अस्पताल की इमरजेंसी स्थित माइनर ओटी की व्यवस्था बदहाल है। यहां पर किसी के आने जाने पर रोक टोक नहीं है, जबकि ओटी में मरीज, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी के अलावा किसी को नहीं जाना चाहिए। हाइड्रोलिक टेबिल भी पूरी तरह खराब हो गई है और उसमें बाल, खून आदि भी छपा रहता है।
ये हैं अस्पताल के हालात
टांका लगाने वाली निडिल बिना स्टेलाइजेशन के दर्जनों मरीजों को टांका लगाने में प्रयोग की जाती है। शिकायत पर माइनर ओटी पहुंचे सीएमओ डा. आशाराम और एसीएमओ डा. वीके चौहान ने ओटी की दयनीय स्थिति देखकर चिंता व्यक्त। सीएमस डा. पीके अग्रवाल से ओटी की स्थिति में सुधार कराने की बात कही।
सीएमओ ने कहा कि आपरेशन में उपयोग होने वाले उपकरण और पट्टी का स्टेलाइजेशन होना जरूरी है, ओटी में हर किसी काे नहीं आना चाहिए। चिकत्सक और स्टाफ के लोग भी ओटी में आए हेड कैप, ग्लब्ज का प्रयोग करें और बाहर के जूते चप्पल पहन कर ओटी में न जाएं।
मरीजों, घायलों के साथ कोई भी अटेंडेंट ओटी में न जाए। इसकी जिम्मेदारी चिकित्सक व फार्मासिस्ट की है। उन्होंने बदहाल व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए।
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