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    चांदी की हटरी में विराजमान हुए ठाकुर राधावल्लभ लाल, चौसर खेलते दर्शन कर श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 07:06 AM (IST)

    वृंदावन के राधावल्लभ मंदिर में दीपावली की रात चौपड़ का खेल खेला गया, जिसमें भगवान कृष्ण और राधा रानी का प्रतिनिधित्व सेवायतों ने किया। रसिकों ने भक्तिमय पद गाए और ठाकुरजी के चौसर खेलते दर्शन कर श्रद्धालु आनंदित हुए। सेवायत देवकीनंदन गोस्वामी ने इसे सखियों का प्रभु के प्रति लाड़ बताया। ठाकुर राधावल्लभ लाल चांदी की हटरी में विराजमान हुए और शयन आरती तक खेल चला।

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    राधावल्लभ मंदिर में चौपड़ की बिसात बिछी।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। दीपावली की रात राधावल्लभ मंदिर में चौपड़ की बिसात बिछी। यहां घंटों शह-मात का खेल चला। कभी दांव भगवान कृष्ण की तरफ से चला तो कभी राधा रानी। घंटों चले शह-मात के खेल में जीत अंत में राधा रानी की हुई।
    दीपावली पर पारंपरिक रूप से राधावल्लभ मंदिर में ठाकुरजी के सामने चौपड़ बिछाई गई। सेवायतों ने ठाकुरजी का प्रतिनिधित्व किया। रसिकों द्वारा चौसर के खेल पर पद खेलत चौपर मैन की माई, हास सिगार भाव अनुराग की सार बनी सुखदाई... गाया। आमने सामने बैठे सेवायतों में एक भगवान कृष्ण और एक राधारानी का प्रतिनिधित्व करते हुए पासे फेंक रहे थे। यहां भगवान के समक्ष चौपड़ बिछाई गई। ठाकुर राधावल्लभ लाल के चौसर खेलते दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो गए।

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    मंदिर के सेवायत देवकीनंदन गोस्वामी ने बताया यह सखियों का अपने प्रभु के प्रति लाड़ है। चौपड़ का यह खेल निकुंज की लीला है। वैसे तो भगवान कृष्ण राधा रानी से हमेशा हारते हैं। लेकिन कई बार सखियां राधा रानी को रिझाने के लिए भगवान कृष्ण को जिता देती हैं। ऐसा इसलिए है जिससे दोनों में प्रेम बढ़ता रहे।



    चांदी की हटरी में विराजमान हुए राधावल्लभ लाल

     

    ठाकुर राधावल्लभ लाल ने चांदी की हटरी में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। राजशाही अंदाज में विराजमान भगवान राधावल्लभ लाल के समक्ष चौपड़ की बिसात बिछी और मंदिर के सेवायत उस पर दांव चल रहे थे। चौपड़ का यह खेल शयन आरती तक चला।