Mathura Flood: 45 गांव में घुसा बाढ़ का पानी, डीएम-एसएसपी ने ट्रैक्टर पर बैठ देखे हालात
मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बांके बिहारी मंदिर मार्ग तक पानी पहुँचने से विश्राम घाट मार्ग बंद कर दिया गया है। लगभग 45 गाँव प्रभावित हैं और प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और भोजन एवं आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। Mathura Flood: यमुना में आई बाढ़ ने इस बार वर्ष 2023 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। रविवार की शाम पांच बजे तक यमुना का जलस्तर खतरा के निशान 166 मीटर से बढ़कर 167.55 मीटर तक पहुंच गया। जिले में हालात बिगड़ गए। बांकेबिहारी मंदिर मार्ग तक यमुना का पानी पहुंच गया।
मथुरा शहर में विश्राम घाट मार्ग को बंद कर दिया गया। बाढ़ की चपेट में चार तहसील के 45 गांव आ गए। 20 गांवों की कृषि व 25 गांवों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। इनमें राहत कार्य जारी है। डीएम और एसएसपी ने ट्रैक्टर पर बैठकर प्रभावित क्षेत्र के हालात देखे।
वृंदावन, मथुरा शहर के सभी घाट पानी में डूबे
आठवें दिन रविवार को जिले में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए। मथुरा शहर में विश्राम घाट मार्ग पर पानी भरने से आवागमन बंद करना पड़ा। वृंदावन में कई कॉलोनियों में पानी भर गया। दोपहर बाद दाऊजी तिराहे तक बांकेबिहारी मार्ग बाजार तक पानी पहुंच गया। गोकुल के घाट एवं मार्ग पर पानी भर गया। रमणरेती के अंदर चार फीट पानी भर गया।
तीन गांवों में बाढ़ के पानी से कटान होने से संपर्क मार्ग जलमग्न हो गए। जिले में नौ हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रशासन ने 21 गांवों के 4205 लोग बाढ़ शरणालयों में भेजे हैं। 600 पशु भी सुरक्षित स्थानों पर भिजवाए गए हैं। प्रभावित लोगों में 1250 राशन किट वितरित कराने के साथ 4785 लोगों को प्रशासन भोजन उपलब्ध करा रहा है।
परिक्रमा मार्ग, बांकेबिहारी मार्ग तक पहुंचा यमुना का पानी
रविवार को डीएम सीपी सिंह व एसएसपी श्लोक कुमार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ट्रैक्टर पर बैठ कर निकले। उन्होंने लक्ष्मी नगर के विशाल मैरिज होम में बने शेल्टर होम, यमुनापार व तिवारीपुरम हालातों का जायजा लिया। बाढ़ प्रभावित परिवारों का हाल जाना। सर्वे कर उनके नुकसान का मुआवजा दिए जाने का भरोसा दिलाया।
डीएम ने कहा कि एक दो दिन में हालात सामान्य हो जाएंग। सुभाष इंटर कॉलेज में पशुओं के लिए चारा-पानी की व्यवस्थाएं देखीं। भूसा बटवाया। डीएम ने बाढ़ प्रभावित परिवारों से बाढ़ शरणालयों में जाने और यमुना के नजदीक न जाने का आग्रह किया।
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