नहर की पटरी पर वन विभाग ने लगाए ऐसे पौधे, देखकर हैरान रह गए विभाग के मंत्री, अधिकारियों पर गिरी गाज
मथुरा में वन विभाग के पौधारोपण दावों की पोल खुल गई। वन मंत्री के निरीक्षण में मौके पर केवल 20% पौधे ही मिले। अधिकारियों ने मिट्टी में दबने का बहाना बनाया, लेकिन मंत्री ने एसडीओ और वन रेंजर को हटा दिया। मंत्री ने पौधारोपण में फर्जीवाड़े पर नाराजगी जताई और भविष्य में औचक निरीक्षण की चेतावनी दी।

मांट क्षेत्र में तुलागढ़ी के पास पौधारोपण का निरीक्षण करते वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना। फोटो-सौजन्य से इंटरनेट मीडिया
जागरण संवाददाता, मथुरा। कागजों में पौधारोपण कर हरा-भरा करने का दावा करने वाले वन विभाग का खेल मंगलवार को विभाग के मंत्री ने पकड़ लिया। मंत्री औचक निरीक्षण को पहुंचे तो अवाक रह गए। जितने पौधे लगाने का दावा किया गया था, उसमें केवल 20 प्रतिशत ही पौधे पाए गए।
कुछ पौधे लगाने के लिए रखे थे। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्हें सफाई कि मिट्टी के नीचे बाकी पौधे दब गए हैं। नाराज मंत्री ने एसडीओ और वन रेंजर को यहां से हटाकर मुख्यालय संबद्ध कर दिया है।
मंगलवार को वृंदावन में पंचवटी महोत्सव कार्यक्रम में आए वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने अचानक निरीक्षण करने को कहा। मांट कैनाल पर स्थित तुलागढ़ी के पास पहुंचे। यहां पर वन विभाग ने पौधारोपण करने का दावा किया था, लेकिन मौके पर बीस प्रतिशत से भी कम पौधे पाए गए।
मंत्री ने अधिकारियों सवाल किया तो जवाब मिला, सिंचाई विभाग ने कैनाल की सफाई कराई है, इससे मिट्टी के नीचे पौधे दब गए हैं। सूत्रों का कहना है कुछ पौधे यहां ऐसे मिले, जैसे उन्हें लगाने के लिए लाया गया हो। विभाग का खेल देखकर मंत्री भी दंग रह गए। उन्होंने पौधारोपण के नाम पर फर्जीवाड़ा पर नाराजगी जताई।
मंत्री ने मांट के एसडीओ वन मनीष कुमार और वन रेंजर बुद्धप्रिय गौतम को तत्काल यहां से हटाकर लखनऊ मुख्यालय संबद्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी पौधारोपण किया गया, कभी भी औचक निरीक्षण किया जा सकता है।
उधर, डीएफओ श्रीकर पटेल ने बताया कि विभाग के मंत्री ने निरीक्षण किया। मौके पर पौधे काफी कम पाए गए थे, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी के नीचे दब गए हैं।
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