Mathura News: माता-पिता को 10 दिन बाद मिली खोई हुई बेटी! गोद में चहकी 'सरस्वती' तो आंसुओं में डूबी आंखें
मथुरा में दस दिन पहले चोरी हुई बच्ची सरस्वती को बाल कल्याण समिति ने उसके माता-पिता नगीना और आनंद को सौंप दिया। बच्ची रेलवे स्टेशन से चोरी हो गई थी और पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था। आवश्यक कागजात पूरे होने के बाद बच्ची को माता-पिता को सौंपा गया। पांच साल पहले घर से भागे इस दंपत्ति का अब अपने परिवार से भी मिलन होगा।

जागरण संवाददाता, मथुरा। मां-बाप की दस दिन की तपस्या के बाद मंगलवार को बेटी मिल गई। दस दिन बाद नगीना की गोद में बेटी सरस्वती चहकी तो आंखें आंसुओं में डूब गई। बाल कल्याण समिति ने पुलिस की जांच के बाद बेटी सौंप दी।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के गांव मझौली निवासी आनंद व पनागर थाना क्षेत्र के गांव सिंघलदीप निवासी 31 वर्षीय नगीना करीब एक माह से मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर अपनी चार वर्षीय बेटी गौरा व एक वर्षीय सरस्वती के साथ रह रहे थे। दोनो कचरा बीनकर अपना जीवन यापन करते थे और रात को स्टेशन पर आकर सो जाते थे। 22 अगस्त की रात रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक से बेटी सरस्वती चोरी हो गई। जीआरपी ने तत्परता दिखाते हुए 24 अगस्त को बच्ची को बरामद कर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया।
22 अगस्त को रेलवे स्टेशन से हुई थी चोरी, कागज न होने पर मां-बाप से दूर थी सरस्वती
समिति ने बच्ची सौंपने की कागजी कार्रवाई के लिए आनंद व नगीना के आधार कार्ड मांगे तो वह नहीं दिखा पाए। बच्ची बाल शिशु गृह भेज दी गई। तब से मां-बाप भटक रहे थे। बेटी का जन्म रेवाड़ी में हुआ था, दोनों रेवाड़ी से जन्म प्रमाण पत्र लाए। प्रमाण पत्र में दर्ज पते से पुलिस जांच समिति ने कराई। तब पता चला कि दोनों पांच वर्ष पहले घर से भागे थे। बाद में नगीना को वहां की पुलिस ने बरामद किया। उसे घर भेजा गया, लेकिन वह फिर आनंद के साथ चली गई।
समिति के अध्यक्ष ने आनंद के भाई से भी बात की। पुलिस जांच के आधार पर मंगलवार को आनंद व नगीना को उनकी बेटी सरस्वती सौंप दी गई। बाल शिशु गृह में सरस्वती की देखभाल करने वाली यशोदा की आंखें भी सरस्वती को उसकी मां नगीना को देते समय नम हो उठीं। समिति अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि जांच के बाद बच्ची सौंप दी गई।
घंटों बाल संरक्षण गृह के बाहर बैठे रहते थे दंपती
बाल संरक्षण गृह के प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि ऐसा कोई दिन नहीं गया जब दंपती अपनी बेटी को लेने बाल शिशु गृह न आते हों। वो यहां घंटों बैठे रहते थे और नाउम्मीद होकर शाम को लौट जाते थे।
आनंद व नगीना का घरवालों से भी होगा मिलन
पांच साल पहले घर से भागे आनंद व नगीना का केवल अपनी बेटी सरस्वती से ही मिलन नहीं हुआ है, बल्कि अब वो अपने परिवार से भी मिल सकेंगे। बच्ची मिलने के बाद आनंद ने कहा कि अब वह यहां नहीं रहेंगे। अपने घर जबलपुर निकल जाएंगे। उनकी अपने घरवालों से बात हो चुकी हैं। वो आनंद व नगीना को अपनाने के लिए तैयार हैं।
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