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    Mathura News: टक्कर मारकर कार को खींचती ले गई तेज रफ्तार बस, हादसे में कथावाचक की दर्दनाक मृत्यु

    By Banke Lal Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 07:01 PM (IST)

    मथुरा-बरेली बाइपास पर एक बस ने कार को टक्कर मार दी, जिससे कथावाचक मनीष शास्त्री की मौके पर ही मौत हो गई। वह कोसीकलां से शादी कराकर लौट रहे थे। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार 300 मीटर तक घिसटती चली गई। बस चालक फरार है, और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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    मथुरा में हुए हादसे के बाद क्षतिग्रस्त कार। फोटो: जागरण

    संसू, जागरण, महावन (मथुरा)। थाना जमुनापार क्षेत्र में मथुरा-बरेली बाइपास पर मंगलवार रात दो बजे एक बस ने कार को पीछे से टक्कर मार दी। इसमें घटना स्थल पर कथावाचक की मृत्यु हो गई। पत्नी का फोन आने पर पुलिस कर्मियों ने उनकी पहचान कर स्वजन को सूचना दी।

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    कथावाचक मनीष शास्त्री निवासी नगला तेजा मंगलवार रात दो बजे कोसीकलां से शादी कराकर वापस घर लौट रहे थे। थाना जमुनापार क्षेत्र में सिहोरा के समीप मथुरा-बरेली बाइपास से कार को उतारते समय पीछे से डबल डेकर बस ने टक्कर मार दी।

    टक्कर लगने से कार घटनास्थल से तीन सौ मीटर तक बस में फंस कर खिंचती चली गई। बस में बैठीं सवारियों में चीख-पुकार मच गई। बाइपास पर गश्त कर रही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। बस चालक घटनास्थल से गायब हो गया। पुलिस ने कार से चालक को निकाला।

    इसमें कथावाचक मनीष शास्त्री की घटना स्थल पर मृत्यु हो गई। डबल डेकर बस दिल्ली से मध्य प्रदेश भोपाल जा रही थी। इसमें 60 सवारियां सवार थीं। मृतक के भाई पवन कुमार ने अज्ञात बस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जमुनापार थाना प्रभारी विदेश कुमार ने बताया कि प्रार्थना-पत्र मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

     

    कथावाचक के घर एक महीने पूर्व जन्मी थी बेटी


    कथावाचक मनीष शास्त्री की शादी छह वर्ष पहले गांव कारब निवासी पूनम के साथ हुई थी। छह वर्ष के बाद पूनम ने 21 अक्टूबर को एक बेटी को जन्म दिया था। मनीष शास्त्री के कोई बहन एवं भतीजी नहीं थी। घर में बेटी का जन्म होने पर परिवार में खुशियां छाई हुई थी।

     

    मथुरा-बरेली हाईवे पर अधूरे उतार चढ़ाव से हो रही घटनाएं


    मथुरा से हाथरस तक अधिकांश जगहों पर बरेली बाइपास पर अभी अधूरे उतार चढ़ाव बनाए गए हैं। वाहनों का आवागमन बढ़ता जा रहा है। इससे घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। पीएनसी कंपनी को बाइपास पर उतार चढ़ाव का पूरी तरह से निर्माण करना चाहिए। इससे घटनाएं रोकी जा सकें।