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    जेल में बंदी बना रहे दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, ऊंची दीवारों के भीतर ऐसे दिखा रहे हुनर

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 06:14 PM (IST)

    जेल में बंद कैदी दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रयास उन्हें सकारात्मक दिशा में ले जाने और आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है। यह हुनर जेल से बाहर निकलने के बाद उनके जीवन में सुधार लाने का एक माध्यम बन सकता है।

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    जागरण संवाददाता, मथुरा। जिला कारागार की ऊंची दीवारों के भीतर इस बार भी दीपावली की रोशनी कुछ खास है। यहां बंदियों के हाथों से मेहनत और सुधार की एक नई मिसाल गढ़ी जा रही है। जेल अधीक्षक अंशुमन गर्ग के निर्देशन में खजानी वेलफेयर सोसाइटी द्वारा 25 बंदियों को मोमबत्ती, दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।

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    बेचने के लिए लगाई स्टाल

    अब यही बंदी अपने हाथों से सुंदर दीपावली सामग्री तैयार कर समाज के सामने आत्मनिर्भरता और सकारात्मक सोच की मिसाल पेश कर रहे हैं। बंदी न केवल ये सामग्री बना रहे हैं, बल्कि जेल प्रशासन ने उनके उत्पादों की बिक्री के लिए कारागार के मुख्य द्वार के बाहर मुलाकात घर के पास एक स्टाल भी लगाई है, जहां लोग उत्सुकता से बंदियों की बनाई सामग्री खरीद रही है।

    इन दीपों और मूर्तियों में केवल मोम या मिट्टी नहीं, बल्कि पश्चाताप, परिश्रम और पुनर्निर्माण की भावना झलकती है। जेल अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बंदियों में आत्मविश्वास जगाना, उन्हें हुनरमंद बनाना और समाज में फिर से सम्मानजनक जीवन जीने के योग्य बनाना है।