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    Radha Ashtami: बरसाना में राधारानी के जन्मोत्सव की धूम, पंचामृत से लाडली जी का अभिषेक, दर्शन को उमड़े भक्त

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 08:11 AM (IST)

    Radha Ashtami 2023 In Barsana Mathura बृषभाननु नन्दिनी के अभिषेक के दौरान मंदिर परिसर घंटा घड़ियाल वाद्ययंत्र आदि गुंजायमान हो रहे थे। वहीं वैदिक मंत्रोच्चाराण के साथ अभिषेक करीब एक घंटा तक चलता रहा। राधारानी के जन्म के दर्शनों को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा था। मंदिर परिसर राधा रानी के जयघोष से गुंजायमान हो रहा था। भक्त लाडलीजी की एक झलक के लिए उतावले थे।

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    Mathura News: राधा के जन्मोत्सव पर महक उठा बरसाना

    बरसाना−मथुरा, जागरण संवाददाता। प्रगट भई बृषभानु गोप के श्रीराधा अवतार, गृह-गृह तैं सब चलीं बेग दै गावत मंगलचार। प्रगट भई त्रिभुवन की शोभा रूप रासि सुखसार, निरतत, गावत, करत बधाई,भीर भई अति द्वार आदि के पदो से लाडली जी मंदिर बृषभानु नंदनी के जन्मोत्सव पर गूंज उठा।

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    भाद्रसुदी की अष्टमी को विश्व विख्यात लाडली जी मंदिर में चार बजे संसार की काल्याणकारी शक्ति स्वरूपा भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति राधारानी का जन्मोत्सव मनाया गया। वहीं मंदिर सेवायतों द्वारा प्रातःकाल में लाडली जी के दिव्य विग्रह का पंचामृत के साथ महाभिषेक कराया गया। लाडली के जन्मोत्सव पर नंदगांव व बरसाना के गोस्वामियों द्वारा मंदिररल परिसर में जन्म के बधाई पदों का गुणगान किया गया।

    रंगीन रोशनी से सजा है लाडजी जी का महल

    ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित लाडली जी का महल दूधिया रोशनी से जगमगा रहा था। ब्रज मंडल में राधारानी के जन्मोत्सव की धूम मची हुई थी। शुक्रवार की रात्रि करीब दो बजे गोस्वामी समाज के लोगों ने मंदिर में प्रवेश किया तथा लाडली के अवतरित होने से पूर्व उनकी जन्म की बधाई गायन किया।

    राधारानी के जन्मोत्सव पर बरसाना में पहुंचे भक्त

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    यह बधाई गायन सुबह चार बजे तक चला,मंदिर के सेवायत रात्रि दो बजे लाडली जी के गर्भग्रह में प्रवेश कर गए। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बृषभानु नंदनी के मूल शांति का पाठ कराया।

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    पंचामृत से किया राधारानी का अभिषेक

    बृषभानु दुलारी की मूल शांति करीब रात्रि दो बजे से लेकर सुबह करीब चार बजे तक चला। सुबह चार बजे लाडली जी मंदिर में स्थित जगमोहन में राधा रानी के दिव्य विग्रह को अभिषेक के लिए लाया गया। मंदिर के सेवायतों द्वारा दूध, दही, शहद, घी, बूरा, केसर, गुलाब जल, घोघृत, पंचरतन, नवरतन आदि का पंचामृत बना कर अभिषेक किया गया।