महामंडलेश्वर नवल योगी देना चाहते हैं अपनी किडनी, ब्रज के संत बोले- 'प्रेमानंद ने बदली युवाओं की सोच; श्रीजी करेंगी रक्षा'
वृंदावन के संत प्रेमानंद जी अस्वस्थ हैं, उनकी किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस हो रही है। उनकी रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित है। संत समाज उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। महामंडलेश्वर नवल योगी ने उन्हें अपनी किडनी देने की पेशकश की है। संतों का मानना है कि प्रेमानंद जी ने युवाओं को सनातन धर्म की ओर प्रेरित किया है और श्रीजी उनकी रक्षा करेंगी।

वृंदावन के संत हैं प्रेमानंद महाराज। फाइल
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। राधानाम का प्रचार-प्रसार कर देश-दुनिया के करोड़ों भक्तों को अपने प्रवचनों से प्रभावित करने वाले संत प्रेमानंद इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं। दोनों किडनी खराब होने के कारण हफ्ते में चार दिन उनकी डायलिसिस हो रही है। यही कारण है कि संत की रात्रिकालीन पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है। देश भर में उनके अनुयायी जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
संतों का कहना है श्रीजी की संत प्रेमानंद पर पूरी कृपा है। संत प्रेमानंद को कुछ नहीं होगा, वे जल्द स्वस्थ होंगे। उन्होंने अपने प्रवचनों से युवाओं को सनातन की ओर मोड़ा है, ऐसे संत की आज बेहद जरूरत है। महामंडलेश्वर नवल योगी ने तो संत प्रेमानंद को अपनी किडनी तक देने की बात कही।
संत प्रेमानंद के स्वस्थ होने की कामना कर रहे संत
संत प्रेमानंद इन दिनों अपने आश्रम श्रीराधा केलिकुंज में ही ठाकुरजी की सेवा में रहते हैं। अस्वस्थ होने के कारण रात्रिकालीन पदयात्रा नहीं कर रहे हैं। सोमवार को वे सिर्फ परिक्रमा मार्ग पर आए थे। वृंदावन के संत भी लगातार उनसे कुशलक्षेम पूछने के लिए श्रीराधा केलिकुंज पहुंच रहे हैं। पिछले दिनों कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरुशरणानंद ने श्रीराधा केलिकुंज में मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी। रविवार को कथावाचक वैष्णवाचार्य पुंडरीक गोस्वामी ने स्वास्थ्य का हाल जाना। विदेश यात्रा से वृंदावन पहुंचे कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी आश्रम में संपर्क स्थापित कर सबसे पहले संत प्रेमानंद के स्वास्थ्य की जानकारी की।
महामंडलेश्वर नवल योगी ने कहा हम देना चाहते हैं अपनी किडनी
चतु: संप्रदाय के महंत फूलडोलबिहारी दास कहते हैं संत प्रेमानंद पर श्रीजी की बड़ी कृपा है, उनके अंग-अंग की रक्षा श्रीजी करती हैं। उन्हें तो श्रीजी पूरी तरह स्वस्थ रखेंगी। हालांकि कुछ दिनों से वे अस्वस्थ चल रहे हैं। उन्हें अपने मन को मजबूत रखना है, उन्होंने अपना जीवन श्रीजी पर निर्भर किया है, तो उनकी रक्षा श्रीजी ही कर रही हैं। महामंडलेश्वर भास्करानंद कहते हैं कि संत प्रेमानंद ब्रज की विभूति हैं, युवा उनके प्रवचनों से सनातन की राह पकड़ चुके हैं। उनकी आज वृंदावन और सनातन धर्म को बड़ी जरूरत है। उनके साथ इतने शुभेच्क्षा हैं, उन्हें कुछ नहीं हो सकता।
महंत सुंदरदास कहते हैं संत प्रेमानंद को किडनी देने वाले लोगों की संख्या हजारों में हैं। लेकिन, जो निर्णय संत प्रेमानंद ले लिया है, वह एक सच्चा संत ही ले सकता है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नवल योगी ने तो संत प्रेमानंद को युवाओं का प्रेरणास्रोत बताते हुए अपनी ही किडनी देने की पेशकश की।
कहा कि संत प्रेमानंद राधा रानी के अनन्या भक्त हैं और उन्होंने श्रीराधारानी की महिमा जन-जन तक पहुंचाई है, ऐसे में वे ब्रजवासी साधु हैं फलाहारी भी हैं। राधारानी के धाम में हैं, संत प्रेमानंद को श्रीराधा रानी से अनुमति लेकर किडनी ले लेनी चाहिए। ताकि वह हमारे बीच श्रीराधा नाम की चर्चा करते रहें।
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