Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मथुरा के दो घाटों पर यमुना जल की होगी सफाई और दो कुंडों का होगा कायाकल्प, गुरुग्राम का फाउंडेशन करेगा ये काम

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 10:29 PM (IST)

    मथुरा में यमुना नदी के विश्राम घाट और देवराह बाबा घाट के पास लिविंग वाटर साइकिल बिल्डिंग बनेगी। गोकुल में पतित पावन कुंड और बलदेव में बंदी आनंदी कुंड का पुनरुद्धार होगा। गुरुग्राम की लिविंग पीस फाउंडेशन CSR फंड जुटाकर यह काम करेगी। इसके लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद और अन्य विभागों ने फाउंडेशन के साथ MOU किया है। परियोजना 2026 में शुरू होगी।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना के विश्राम घाट और देवराह बाबा घाट के निकट लिविंग वाटर साइकिल बिल्डिंग बनाई जाएगी। साथ ही गोकुल में पतित पावन कुंड और बलदेव अंतर्गत बंदी आनंदी कुंड का पुनरुद्धार किया जाएगा।

    यह काम करेगी गुरुग्राम की लिविंग पीस फाउंडेशन, जो इस कार्य के लिए खुद ही सीएसआर फंड जुटाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, नगर निगम, विकास प्राधिकरण तथा सिंचाई विभाग ने लिविंग पीस फाउंडेशन के साथ एमओयू किया है।

    गुरुवार को जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद सभागार में आयोजित बैठक के दौरान लिविंग पीस फाउंडेशन प्रोजेक्ट गुरुग्राम द्वारा ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सूरज पटेल, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना और विकास प्राधिकरण के सचिव आशीष कुमार सिंह की मौजूदगी में यमुना जल प्रदूषण निवारण एवं प्रदूषण नियंत्रण संबंधी प्रजेंटेशन दिया गया। परियोजना के संबंध में तकनीकी बिंदुओं पर विचार विमर्श हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक में क्या बताया गया?

    बैठक में बताया गया कि लिविंग पीस फाउंडेशन प्रोजेक्ट, गुरुग्राम, हरियाणा नामक संस्था मथुरा शहर में विश्राम घाट के पास यमुना नदी के ठोस अपशिष्ट एवं जल प्रदूषण के शैक्षिक प्रचार प्रसार के लिए लिविंग साइकिल बिल्डिंग का निर्माण कर स्वःवित्त पोषित परियोजना पर कार्य करेगी। एक ऐसा भवन होगा, जो पानी को इकट्ठा करने, फ़िल्टर करने और फिर से इस्तेमाल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

    विश्राम घाट के साथ-साथ वृंदावन में देवराह बाबा घाट निकट लिविंग वाटर साइकिल बिल्डिंग बनाने और गोकुल में पतित पावन कुंड तथा बलदेव अंतर्गत बंदी आनंदी कुंड का उद्धार किया जाएगा। इसके लिए संस्था खुद ही सीएसआर फंड जुटाएगी। इसके बाद परियोजना के अंतर्गत सर्वें तथा डीपीआर तैयार की जाएगी और 2026 में परियोजना पर काम शुरु कर दिया जाएगा।

    परिषद के एसीईओ मदन चंद्र दुबे, पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, गोकुल नगर पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार, सिंचाई विभाग से नागेंद्र सिंह व गिरीश चौधरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रंजीत कुमार, जल निगम से विशाल सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।