Mathura Flood Update: 12 घंटे में मात्र 14 सेंटीमीटर घटा यमुना का जलस्तर, हालात अब भी बेहाल
मथुरा में यमुना का जलस्तर 12 घंटे में मात्र 14 सेंटीमीटर कम हुआ है लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति अभी भी भयावह है। यमुना का फैलाव इतना अधिक है कि लोग घरों की छतों पर रहने को मजबूर हैं। घाट डूब गए हैं और बाजार मार्ग में पानी भरा हुआ है। राहत शिविरों में रह रहे लोगों को अपने मकानों के गिरने की चिंता सता रही है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। 10 दिन यमुना का विकराल रूप देख मुरझाए बाढ़ पीड़ितों के चेहरे पर मंगलवार की शाम कुछ राहत की उम्मीद दिखाई दी। इसका कारण यमुना के जलस्तर में कमी होने का सिलसिला शुरू होना रहा। 12 घंटे में मात्र 14 सेंटीमीटर यमुना का जलस्तर कम हुआ है। लेकिन, अब भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हालात भयावह हैं।
यमुना का फैलाव इतना हो चुका है कि लोग परेशान हैं। घरों की छतों पर लोग आशियाना बनाए हुए हैं। यमुना की खादर टापू बन चुकी है तो बाजार मार्ग में भी पानी भरा हुआ है। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को अपने मकानों के गिरने की चिंता परेशान किए है। हालांकि अब धीरे-धीरे यमुना का जलस्तर गिरेगा, लेकिन अभी भी तीन से चार दिन हालात काबू में आने में लगेंगे।
10 दिन में यमुना नदी ने सभी रिकॉर्ड तोड़े
पहाड़ी क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण ताजेवाला, ओखला व हिंडन बांध से यमुना नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस पानी से यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ा। 10 दिन में यमुना नदी ने 1978 के बाद के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। हाल यह रहा कि यमुना किनारे खादर में पांच फीट तक कई किलोमीटर तक पानी भर गया। ये पूरा क्षेत्र टापू में तब्दील हो गया।
यमुना की खादर नजर आ रही टापू, गलियों में चार से पांच फीट तक भरा पानी
यमुना का फैलाव इतना बढ़ा कि मथुरा जोन के यमुना किनारे के सभी घाट डूब गए और पानी स्वामी घाट व बंगाली घाट के बाजार मार्ग पर कई फीट भर गया। इससे आवागमन प्रभावित हो गया। इसके अलावा यमुना के तटवर्ती सभी गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। घरों में पानी भरने के कारण हजारों लोगों को बाढ़ राहत शिविर में रखा गया है। यहां प्रशासन एवं समाजसेवी द्वारा राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। सोमवार की सुबह यमुना का जलस्तर खतरा के निशान 166 से बढ़कर 167.67 मीटर तक पहुंच गया था। शाम छह बजे जलस्तर स्थिर हुआ।
शरणार्थियों को मकान गिरने की सता रही चिंता
मध्य रात्रि के बाद यमुना का जलस्तर 12 सेंटीमीटर घटकर मंगलवार की सुबह छह बजे 167.55 मीटर पहुंच गया। आज 12 घंटे में यमुना का जलस्तर घटकर 167.41 मीटर पहुंच गया है। इस तरह औसतन हर घंटे एक सेंटीमीटर यमुना का जलस्तर कम हो रहा है। भले ही यमुना का जलस्तर कम हो रहा हो, लेकिन अब भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हालात बिगड़े हुए हैं। यहां पानी का भराव यथास्थिति में है।
बाजार मार्ग में अब भी पानी भरा
शहरी क्षेत्र में यमुना किनारे बंगाली घाट पर बाजार मार्ग पर पानी अब भी भरा हुआ है। आवागमन बंद चल रहा है। स्वामी घाट पर भी बाजार मार्ग पर पानी भरा है। इसी तरह बलदेव के नगला हगा, नहचला, शेरगढ़ के बाबूगढ़ व कस्बा, नौहझील के छिनपारई गांव में हालात यथावत हैं। राहत शिविर में रह रहे लोगों को मकान गिरने की चिंता सताए हुए है। वे अपने घर के हाल अन्य लोगों से पूछ रहे हैं। अधिकारी भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
ये रहा जलस्तर
- 167.67 मीटर पर दर्ज किया गया यमुना का जलस्तर।
- 167.41 मीटर पर घटकर पहुंचा मंगलवार शाम छह बजे जलस्तर।
- 05 फीट तक यमुना की खादर में भरा हुआ है बाढ़ का पानी।
नगर निगम के अधिकारी, पार्षद बांट रहे राहत सामग्री
नगर निगम एवं पार्षद लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में लगे हुए हैं। नगर आयुक्त जग प्रवेश बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर राहत सामग्री के साथ व्यवस्थाएं बेहतर बनाने में जुटे हैं। मंगलवार को अपर नगर आयुक्त सौरभ सिंह ने लक्ष्मी नगर, तिवारी पुरम का दौरा किया और राहत सामग्री बांटी। इसी तरह डूंगरा में भी नाव के जरिए प्रभावित लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए। छतों पर रह रहे लोगों ने बाल्टी लटकाकर राहत सामग्री ग्रहण की। उनके साथ पार्षद तिलक वीर चौधरी, मुन्ना मलिक मौजूद रहे। अन्य पार्षद भी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में जुटे हुए हैं।
यूं घटना यमुना का जलस्तर
मंगलवार-जलस्तर मीटर में
06 बजे-167.55
07 बजे- 167.54
09 बजे 167.52
10 बजे 167.50
दोपहर 12 बजे 167.47
06 बजे-167.41
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