Abass Ansari : हेट स्पीच में दो वर्ष की सजा के बाद गई अब्बास अंसारी की विधायकी, मऊ सदर सीट रिक्त घोषित
Abbas Ansari Lost his MLA Post सजा के बाद अब्बास की विधानसभा सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत स्वत समाप्त हो गई है। कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने पर विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर सीट के रिक्त होने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके आधार पर वहां उपचुनाव होगा।

जागरण संवाददाता, मऊ : मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण प्रकरण में शनिवार बड़ा झटका लगा। दो वर्ष कैद की सजा के बाद अब अब्बास अंसारी अपने वकीलों के माध्यम से अपनी विधायकी बचाने के प्रयास में लग रहे हैं।
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. कृष्ण प्रताप सिंह ने भड़काऊ भाषण के मामले में अब्बास अंसारी को दो वर्ष कारावास और 11 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसी मामले में अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया है।
सजा के बाद अब्बास की विधानसभा सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत स्वत: समाप्त हो गई है। कोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने पर विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर सीट के रिक्त होने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके आधार पर वहां उपचुनाव होगा।
अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि विशेष कोर्ट के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। तीन वर्ष से कम सजा होने के कारण अदालत ने अपील के लिए समय देते हुए अब्बास और मंसूर को जमानत पर छोड़ दिया है। वह सजा को रद या कम कराने की अपील कर सकते हैं। अगर सजा पर रोक लगाता है, तो सदस्यता फिलहाल बनी रह सकती है। सेशन कोर्ट से अगर राहत नहीं मिलती, तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अगर वहां से भी राहत नहीं मिलती, तो विधायकी जाना तय है।
बचाव पक्ष के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि अदालत ने अब्बास को भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (धार्मिक उन्माद फैलाने) और धारा 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी) के तहत दो-दो साल, धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक साल और धारा 171-एफ (चुनाव पर अनुचित प्रभाव डालने) के तहत छह माह कैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलाने व जेल में बिताई गई अवधि को समायोजित करने का आदेश दिया है।
मऊ के पहाड़पुर मैदान में अब्बास अंसारी ने तीन मार्च 2022 को जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव जीतने के बाद अफसरों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इस मामले में षड्यंत्र रचने का दोषी पाए गए अब्बास के चाचा मंसूर अंसारी को छह माह के साधारण कारावास के साथ एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
जमानत पर जेल से बाहर है अब्बास
ईडी ने 2022 में अब्बास अंसारी को प्रयागराज से हिरासत में लिया था। ईडी ने उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग और गैंग्सटर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। तभी से वह कासगंज जेल में बंद चल रहा था। बीते सात मार्च को वह सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर जेल से बाहर आया है। अब्बास पर आचार संहिता के उल्लंघन मामले में मऊ के तीन मुकदमे दर्ज थे। इनमें दो पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, जबकि एक मुकदमे में सुनवाई चल रही है।
सुभासपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव
अब्बास अंसारी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी की अजेय सीट मऊ सदर से चुनावी मैदान में उतरा था। अब्बास अंसारी सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बना। अब्बास अंसारी ने कड़ी टक्कर देते हुए भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह को हराकर पहली बार विधायक बना था। चुनाव के प्रचार के दौरान भड़काऊं का मामला प्रकाश में आया और मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में घोसी से अब्बास अंसारी राजनीति में कदम रखा था, लेकिन सफलता नहीं मिली और पूर्व राज्यपाल फागू चौहान से हार का सामना करना पड़ा था।
18वीं विधानसभा में विधायकी गंवाने वाला अब्बास छठवां विधायक
वर्तमान 18वीं विधानसभा में विधायकी गंवाने वाला अब्बास अंसारी छठवां विधायक है। इससे पहले रामपुर से सपा के विधायक मोहम्मद आजम खां तथा रामपुर की स्वार टांडा सीट से विधायक चुने गए उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, कानपुर की सीसामऊ सीट के सपा विधायक इरफान सोलंकी, मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भाजपा विधायक विक्रम सैनी, सोनभद्र की दुद्धी सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ सजा पाने के बाद विधायकी से हाथ धो चुके हैं।
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