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    Ananta Chaturdashi: क्या आपने भी रखा है 36 घंटे का निर्जला व्रत? इन बातों का जरूर रखें ख्याल

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 02:35 PM (IST)

    मेरठ में दिगंबर जैन समाज अनंत चौदस पर 36 घंटे का निर्जला व्रत कर रहा है। चिकित्सकों ने व्रत के दौरान धूप से बचने आराम करने और तरल पदार्थ लेने की सलाह दी है। निर्जला व्रत न रखने वाले गुड़ का पानी ले सकते हैं लेकिन अन्न का सेवन न करें। व्रत खोलने के बाद हल्का भोजन लेने की सलाह दी गई है।

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    36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू, इन बातों का रखें ध्यान

    जागरण संवाददाता, मेरठ। अनंत चौदस पर दिगंबर जैन समाज 36 घंटे का निर्जला व्रत रखता है। यह व्रत शुक्रवार सूर्यास्त से शुरू हो गया है। जो रविवार को सूर्योदय के साथ समाप्त होगा। दो तरह के व्रत रखे जाते हैं। एक व्रत निर्जला होता है। जिसमें 36 घंटे तक न तो पानी पीना होता है और न ही अन्न ग्रहण करना होता है।

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    दूसरे व्रत में पानी पी सकते हैं, लेकिन अन्न नहीं ग्रहण करना होता है। लंबे समय तक निर्जला व्रत रखने पर डिहाइड्रेशन, एनर्जी लेवल और ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। इस बारे में वरिष्ठ फिजिशियन डा. संदीप जैन व वैलेंटिस कैंसर हास्पिटल के प्रबंध निदेशक डा. अमित जैन ने चिकित्सीय सलाह दी है।

    - व्रत शुरू होने के बाद धूप में जाने से बचें। धूप में जाएंगे तो प्यास लगेगी। डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।

    - घर के अंदर रहें। पूजा और ध्यान में मन लगाएं। मन और शरीर दोनों को शांत रखें। आत्म शुद्धि व आत्म चिंतन करें।

    - व्रत के दौरान मेहनत वाला काम नहीं करें। व्यापार,नौकरी से मन हटाकर परिवार के साथ समय व्यतीत करें।

    - 36 घंटे वही कार्य करें जो रूचि के हों। जैसे संगीत सुनें, गीत गुनगुनाएं। भजन-कीर्तन करें। मंदिर में पूजा-अर्चना करें।

    जो लोग निर्जला व्रत नहीं, वह यह करें

    जो लोग निर्जला व्रत नहीं हैं। वह 36 घंटे के दौरान गुनगुने पानी में गुड़ मिलाकर पी सकते हैं। दाल-चीनी मिला पानी ले सकते हैं। लौंग का पानी और मूंग की दाल का पानी ले सकते हैं, लेकिन अन्न ग्रहण नहीं कर सकते हैं।

    व्रत खोलने के बाद सावधानी जरूरी

    -दोनों ही प्रकार का व्रत खोलने पर दो से तीन घंटे लिक्विड भोजन लें। गुनगुने पानी में गुड़ मिलाकर, मूंग की दाल का पानी, लौंग और दालचीनी का पानी लें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिएं। दही का सेवन करें। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब 36 घंटे व्रत रहते हैं तो पाचन क्रिया प्रभावित हो जाती है जिसे सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगता है।

    -व्रत खोलने के करीब 10 से 12 घंटे तक खिचड़ी, दलिया, सूजी का हलवा, फ्रूट जूस, केला समेत अन्य मौसमी फल लेना फायदेमंद रहेगा।

    -व्रत खोलने के तुरंत बाद कचौड़ी, पूड़ी अत्यधित तेल युक्त भोजन न करें। इससे पेट दर्द और जी मिचला सकता है।

    बुजुर्ग इन बातों पर दें ध्यान

    - बुजुर्ग व्रत में हैं तो उनके साथ समय बिताएं। इससे उन्हें अच्छा लगेगा और मन की शक्ति प्रबल रहेगी। डायबिटीज, हार्ट, सांस समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं तो चिकित्सीय सलाह जरूर लें।

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