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    Meerut News : सेंट्रल मार्केट में कांप्लेक्स ध्वस्तीकरण की तैयारी पूरी, दुकानें खाली करने लगे व्यापारी  

    By Om Bajpai Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 08:21 PM (IST)

    Meerut News : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ के सेंट्रल मार्केट में ध्वस्तीकरण की सरकारी अमले ने तैयारी कर ली है। शुक्रवार को आवास विकास परिषद ने मुनादी कर व्यापारियों को दुकानें खाली करने का निर्देश दिया। व्यापारियों ने दुकानें खाली करना शुरू कर दिया है। सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

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    सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण से पहले दुकान खाली करते दुकानदार। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सेंट्रल मार्केट में कांप्लेक्स ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। शुक्रवार को आवास विकास परिषद ने सेंट्रल मार्केट में मुनादी कर भू उपयोग परिवर्तन निर्मित हुए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खाली करने के लिए कहा गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया 25 अक्टूबर को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी है।

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    भारी पलिस बल की मौजूदगी में हुई मुनादी 

    इस दौरान बाजार के व्यापारी एकत्र हो गए। भारी पलिस बल की मौजूदगी में आरटीओ रोड स्थित पुलिस चौकी से सेंट्रल मार्केट 661/6, नई सड़क तिराहा, सेक्टर दो और तीन शास्त्रीनगर में भी मुनादी कराई गई। देर शाम कांप्लेक्स के व्यापारियों ने दुकानें खाली करनी शुरू कर दी।

    नौ माह बीतने पर भी नहीं हटाया था दुकानों से सामान  

    सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स को तीन माह में खाली करा कर आवास विकास परिषद को दो सप्ताह में ध्वस्त करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आवासीय भूखंडों पर उक्त कांप्लेक्स की तरह अन्य निर्माणों को भी ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। तब से नौ माह का समय बीत गया है लेकिन एक भी व्यापारी ने दुकान से सामान नहीं हटाया है।
    मामले में याचिकाकर्ता लोकेश खुराना ने मामले में अवमानना का वाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है।जिसमें सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव, आवास आयुक्त, डीएम, एसएसपी, आवास विकास के अधिकारियों और उक्त कांप्लेक्स के 22 व्यापारियों को नोटिस जारी किया है।
    मामले में दो सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। जिसकी सुनवाई की तिथि 27 अक्टूबर को है। इसी को लेकर पुलिस प्रशासन और आवास विकास परिषद ने ध्वस्तीकरण की तिथि 25 अक्टूबर निर्धारित की है।

    कांप्लेक्स के व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं

    वहीं शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन उक्त कांप्लेक्स के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। व्यापारी किशोर वाधावा ने बताया कि सभी व्यापारियों ने विचार विमर्श करने के बाद अपने अपने परिसर को खाली करने का निर्णय लिया है। अलंकार साड़ी, टाम एंड जैरी, अरबन ठेका रेस्टोरेंट, हिमालयन ड्रग दुकानों से सामान निकाल कर सामान को व्यापारी छोटा हाथी और कैंटर में भरने लगे।

    ध्वस्तीकरण को लेकर मंथन में जुटे रहे अधिकारी

    शनिवार को प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर आवास विकास परिषद के अधिकारी मंथन में जुटे रहे। मुख्यालय से भी दिशा निर्देश आते रहे। कार्रवाई को लेकर परिषद के मेरठ कार्यालय में तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का अवकाश निरस्त कर दिया गया है। अधीक्षण अभियंता ने सारे स्टाफ और प्रवर्तन दल को शनिवार को सुबह नौ बजे शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है।

    निजी फर्म को दिया ठेका

    ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए निजी फर्म को ठेका दिया गया है। ध्वस्तीकरण अभियान की शुरुआत सेंट्रल मार्केट 661/6 पर निर्मित कांप्लेक्स से होगी। अधीक्षण अभिंयता राजीव कुमार ने अधिशासी अभियंता निर्माण खंड प्रथम आफताब अहमद को नोडल अधिकारी नामित किया है।

    25 हेलमेट व जेकेट की व्यवस्था, कार्रवाई की होगी वीडियो ग्राफी

    488 वर्ग मीटर के पूरी तरह कवर इस परिसर में 22 दुकानें हैं। तीन मंजिला कांप्लेक्स के वर्तमान मानचित्र को लेकर विचार विमर्श हुआ।बताया जा रहा है कि फ्रंट और सेट बैक पर हुए निर्माण को तोड़ना फर्म के लिए टेढ़ी खीर होगी। चूंकि मुख्य सड़क की ओर कांप्लेक्स में दो होरिजेंटल बीम हैं। अगर यह टूटते हैं तो पूरी इमारत ढ़ह सकती है।
    अधिकारियों के अनुसार परिसर खाली होने के बाद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 25 हेलमेट और जेकेट की व्यवस्था की गई है। पूरी कार्रवाई की वीडियो ग्राफी कराई जाएगी। मौके से अगर कोई सामग्री हटाई जाएगी तो उसके लिए भी ट्रेक्टर ट्राली की व्यवस्था की गई है।

    बिजली-पानी और सीवर का कनेक्शन काटने के लिए किया संपर्क

    परिषद ने भू उपयोग परिवर्तन कर हुए निर्माणों की सूची आवास विकास परिषद के अधिकारी ने विद्युत नगरीय वितरण खंड के अधिशासी अभियंता को दी थी। उनका बिजली का कनेक्शन काटने के लिए कहा था। शुक्रवार को देर शाम तक कनेक्शन कटा नहीं था। परिषद के अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों को फोन कर पानी और सीवर के कनेक्शन काटने के लिए कहा।