Delhi-Meerut Expressway के पांचवें फेज का काम पूरा होने में अभी और लगेगा समय, शुरू होते ही होगा यह बड़ा फायदा
Delhi-Meerut Expressway दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पांचवां चरण दिसंबर तक पूरा होना था अब इसके मार्च तक खुलने की उम्मीद है। लोहियानगर इंटरचेंज पर भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण कार्य बाधित है। 14 किमी से अधिक लंबे इस खंड में 10 किमी सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है और टोल प्लाजा का निर्माण भी जारी है।

संवाद सूत्र, जागरण, खरखौदा (मेरठ)। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण काे दिसंबर तक नहीं खोला जा सकेगा, ऐसा इसलिए क्याेंकि मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर हाईवे पर लोहियानगर में इंटरचेेंज का कार्य पूर्ण होने में अभी भी अवरोध बना हुआ है। खानपुर और शकरपुर में जमीन पर कब्जा ने मिलने से निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण होना चुनौती है। अब उम्मीद की जा रही है कि एक्सप्रेसवे के इस महत्वपूर्ण हिस्से काे मार्च तक खोला जा सकेगा।
पांचवें चरण का सड़क निर्माण कार्य जारी। जागरण
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) के पांचवें चरण की दूरी करीब 14.60 किमी है। इसका निर्माण कार्य एपीएस कंपनी कर रही है। कंपनी के प्रतिनिधियों का दावा है कि 10 किमी सड़क का निर्माण पूर्ण तरह कर लिया गया है। वही 4.6 किमी जमीन में मिट्टी का कार्य पूर्ण करके रोड़ी डालने का कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यदायी कंपनी के अनुसार 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 10 बड़े अंडरपास 12 छोटे अंडरपास और 35 पुलिया का निर्माण कार्य शत प्रतिशत कर लिया गया है। तलहटा गांव में टोल प्लाजा के कार्य ने भी रफ्तार पकड़ ली है। सड़क का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जल्द ही टोल प्लाजा पर इमारत और बूथ बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा।
शकरपुर में इंटरचेंज के निर्माण के लिए जमीन पर कब्जा नहीं मिला
रही बात लोहियानगर में इंटरचेंज की तो शकरपुर में इंटरचेंज के निर्माण के लिए जमीन पर कब्जा नहीं मिला है। कुछ दुकानदार और मंडप स्वामी ने कब्जा नहीं दिया है। कुछ लोगों ने अधिक मुआवजा की मांग करते हुए धनराशि भी नहीं ली है, यही मुआवजा संबंधित प्रकरण कोर्ट पहुंच गया है। इससे भूमि पर कब्जा न मिलने से इंटरचेंज नहीं बन पा रहा है।
मुगल महल मंडप स्वामी हाजी सगीर का कहना है कि उन्होंने मुआवजा के लिए कोर्ट में अपील की है। जिस दर पर उन्होंने बैनामा किया था उसका चार गुना सरकार दे तो वह जमीन पर निर्माण कार्य करने देंगे। वहीं खानपुर गांव में कब्जे को लेकर किसानों और निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच विवाद हुआ था। जहां अभी तक कार्य बंद है। कार्यदायी कंपनी के एक प्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खानपुर और शकरपुर में कब्जा मिल जाता है तो करीब अभी भी चार माह का समय लगेगा।
पांचवें चरण का निर्माण पूरा होने पर यह होगा लाभ
पांचवें चरण का निर्माण पूरा होने पर यह मेरठ-बुलंदशहर हाईवे शकरपुर से शुरू होकर मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर जैनुद्दीनपुर तक जाएगा। इससे मेरठ के आसपास लोहिया नगर, कांशीराम कालोनी, शास्त्रीनगर, जागृति विहार, काजीपुर, नरहड़ा, सलेमपुर, जुरानपुर आदि गांवों के लोगों को जाम से निजात मिलेगी और दिल्ली व हरिद्वार का सफर आसान होगा। इसी के साथ खरखौदा के मोहद्दीनपुर रोड स्ज्ञित चूड़ीयाला में स्लिप रोड का निर्माण होगा। जिससे खरखौदा क्षेत्र के खरखौदा, नया गांव, चंदपुरा, खंदावली, धनौटा, नंगला पातू आदि गांवों के लोग भी दिल्ली का सफर आसानी से तय कर सकेंगे। वर्तमान में लोगों को परतापुर और वाया हापुड़ होकर दिल्ली जाना पड़ता है।
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उधर, कार्यदायी कंपनी एपीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण मुरारी ने बताया कि पांचवें चरण पर करीब 10 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। खानपुर और शकरपुर में जमीन पर पूर्ण रूप से कब्जा नहीं मिलने से इंटरचेंज का कार्य अधर में है। जमीन पर कब्जा मिलते ही निर्धारित समय पर पांचवें चरण के कार्य को पूरा कर दिया जाएगा। टोल प्लाजा के लिए सड़क निर्माण का कार्य कर दिया गया है।
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