Meerut News : हाई कोर्ट का नोटिस मिलते ही 14 दिन बाद भूनी टोल पर बवाल करने वाले 180 लोगों पर मुकदमा
Meerut News 17 अगस्त को मेरठ-करनाल हाईवे स्थित भूनी टोल पर सैनिक कपिल की टोलकर्मियों से कहासुनी हुई थी। उसके बाद टोलकर्मियों ने अपने साथियों के साथ सैनिक को परिवार के सामने ही पीटा था। ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ की थी जिसके बाद कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था। पुलिस ने 14 दिन बाद 180 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

संवाद सूत्र, जागरण, सरधना (मेरठ)। सरूरपुर के भूनी टोल पर फौजी की पिटाई का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने डीएम और कप्तान से पूरे मामले पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए नोटिस देकर जवाब मांग लिया। गर्दन फंसी देखकर पुलिस ने 14 दिन बाद मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी के आइटी हेड अमित कुमार की तरफ से टोल पर तोड़फोड़ करने वाले 180 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। साथ ही वीडियो के आधार पर तोड़फोड़ करने वाले आरोपितों को चिन्हित किया जा रहा है। उधर, फौजी के पिता की तरफ से मुकदमे में आठ आरोपितों को पुलिस जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी भी आरोपित की जमानत नहीं हो सकी।
सरूरपुर थानाक्षेत्र के गांव गोटका निवासी सेना के जवान कपिल पुत्र कृष्णपाल के साथ 17 अगस्त की शाम टोल प्लाजा पर मारपीट की गई। इसी के विरोध में 18 अगस्त को ग्रामीणों ने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ की थी। सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर, एलईडी स्क्रीन, एसी और फर्नीचर समेत कई उपकरण क्षतिग्रस्त कर दिया। टोल संचालन ठप कर पूर्व विधायक संगीत सोम, जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा मौके पर पहुंचे थे। धरना देकर कार्रवाई की मांग की गई।
उसके बाद पुलिस कार्रवाई में तेजी आई और आठ आरोपितों को जेल भेज दिया। एनएचएआइ ने टोल संचालन एजेंसी मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था में विफलता को गंभीर मानते हुए 20 लाख का जुर्माना लगाकर अनुबंध भी समाप्त किया था। अनुबंध के दौरान जमा 3.70 करोड़ रुपये जमानत राशि जब्त की गई थी। एजेंसी को एक वर्ष तक किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से डिबार किया है।
उधर, कंपनी के आइटी हेड अमित कुमार निवासी भौरा कलां मुजफ्फरनगर की तरफ से तोड़फोड़ करने वाले 180 लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई। साथ ही मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी ने हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया।
आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने एकतरफा कार्रवाई की है। टोल पर तोड़फोड़ की वीडियो भी कोर्ट में दिखाई गई। तर्क दिया कि मौके से टोल कर्मचारी नहीं भागते तो उनकी हत्या की जा सकती थी। हाई कोर्ट ने कंपनी की तरफ से डाले वाद पर सुनवाई करते हुए डीएम और एसएसपी को नोटिस भेजकर पूरे प्रकरण पर जवाब तलब कर लिया है।
गर्दन बचाने के लिए पुलिस ने अमित कुमार की तहरीर पर तोड़फोड़ करने वाले 180 लोगों पर धारा 147 (दंगा), 427 (संपत्ति क्षति) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। साथ ही वीडियो के आधार पर तोड़फोड़ करने वाले आरोपितों की पहचान की जा रही है। एसपी देहात डा. राकेश मिश्रा ने बताया कि कानून हाथ में लेकर तोड़फोड़ करने वाले आरोपितों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
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ये है मामला
श्रीनगर में राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) में तैनात गोटका निवासी सिपाही (जीडीआर) कपिल छुट्टी समाप्त होने के बाद लौट रहा था। 17 अगस्त को सेना मुख्यालय में रिपोर्ट करनी थी और दिल्ली एयरपोर्ट से 18 अगस्त सुबह पांच बजे उनकी फ्लाइट थी। कार में उनके साथ पिता कृष्णपाल, ताऊ तिरसपाल, चचेरे भाई शिवम और सुधीर भी थे।
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17 अगस्त को शाम साढ़े सात बजे मेरठ-करनाल हाईवे स्थित भूनी टोल पर वाहनों की लंबी कतार देखकर कपिल की टोलकर्मियों से कहासुनी हुई। उसके बाद टोलकर्मियों ने अपने साथियों के साथ सैनिक को परिवार के सामने ही बेरहमी से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद ग्रामीणों ने 18 अगस्त को टोल पर धावा बोल दिया। पुलिस के सामने ही जमकर तोड़फोड़ की। कपिल के पिता कृष्णपाल ने टोलकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित नीरज तालियान, सचिन, विजय, अनुज, अंकित, सुरेश राणा, अंकित शर्मा और रवि को जेल भेज दिया।
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