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    वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच को वकीलों का प्रदर्शन, मेरठ में कमिश्नरी चौराहे पर लगाया जाम, CM से मिलेंगे

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 02:19 PM (IST)

    Meerut News पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं ने 22 जनपदों में काम बंद कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। मेरठ में अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर कमिश्नरी चौराहे पर जाम लगाया और मानव श्रृंखला बनाई। अधिवक्ताओं ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग की।

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    पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

    जागरण संवाददाता, मेरठ। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना के आदेश के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में इसकी मांग को एक बार फिर जोर-शोर से उठाया गया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर आज सोमवार को पश्चिम के सभी 22 जनपदों में अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर काम नहीं किया। सभी जनपदों में प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।

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    मेरठ में मेरठ बार और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से कार्य बहिष्कार किया और जुलूस निकालकर कचहरी के सभी चैंबर दुकान और कोर्ट में कामकाज बंद करा दिया। अधिवक्ताओं का जुलूस कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचा और वहां जाम लगाकर मानव श्रृंखला बनाई गई। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा गया।

    कोल्हापुर में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना का आदेश जारी होते ही अधिवक्ताओं ने कल रविवार में ही केंद्रीय संघर्ष समिति आपातकालीन बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बुलाकर आज के कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी थी। पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी 22 जनपदों में जिला मुख्यालय और तहसीलों पर अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया।

    मेरठ में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा संयोजक राजेंद्र सिंह राणा, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव त्यागी और महामंत्री अमित राणा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं की भीड़ ने सुबह 10:00 बजे से ही कचहरी में घूम कर सभी अधिवक्ताओं के चेंबर और कचहरी परिसर की दुकान बंद करा दी।

    सभी न्यायालय में घूम कर वहां कामकाज नहीं होने दिया। कचहरी परिसर और कलक्ट्रेट मैं जुलूस निकालते हुए सैकड़ो की संख्या में अधिवक्ता कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचे। हां उन्होंने जाम लगा दिया। मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी की और अपनी हाई कोर्ट बेंच की मांग को मुखर किया। एडीएम सिटी बृजेश सिंह को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

    इस दौरान केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा, संयोजक राजेंद्र सिंह राणा, जिला बार के अध्यक्ष राजीव त्यागी और महामंत्री अमित राणा ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने में सरकार सफल हो रही है। कोल्हापुर हाई कोर्ट बेंच की स्थापना जनता के द्वार पर न्याय के सिद्धांत से किया गया है। केंद्र सरकार को इसी सिद्धांत के माध्यम से पश्चिम उत्तर प्रदेश को हाई कोर्ट बेंच देनी चाहिए।

    हाई कोर्ट इलाहाबाद में 12 लाख से ज्यादा मामले लंबित है। जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत मामले पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जनपदों के हैं। पश्चिम की जनता को न्याय के लिए 750 किलोमीटर लंबा सफर तय करना होता है।

    संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद पश्चिम को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। इस बार आंदोलन हाई कोर्ट बेंच मिलने के बाद ही खत्म होगा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री को पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए बेंच की आवश्यकता के बिंदु गिनवाते हुए जल्द से जल्द हाई कोर्ट बेंच स्थापित कराने की मांग की गई है।

    प्रदर्शन में एमपी शर्मा अनिल बख्शी गजेंद्र सिंह धामा डीडी शर्मा नेपाल सिंह सौम देवकीनंदन शर्मा अमित दीक्षित अब्दुल जब्बार खान परवेज आलमअनिल सहगल अनिल तोमर जितेंद्र सिंह बना आनंद कश्यपविमल तोमर मनोज बरार तरुण कुमार समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।

    तहसील बार में भी नहीं हुआ काम

    जिला मुख्यालय के साथ-साथ सरधना और मवाना तहसीलों में भी बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार किया। दोनों स्थानों पर अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करके ज्ञापन भी सौंपा।

    मुख्यमंत्री से मिलेगा सात अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल

    केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा ने बताया कि उनकी मांग पर जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है। डीएम ने पांच अधिवक्ताओं के नाम प्रतिनिधिमंडल के रूप में मांगे थे। संघर्ष समिति ने सात अधिवक्ताओं के नाम जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं। माना जा रहा है कि शाम को ऊर्जा भवन के सभागार में होने वाली बैठक के दौरान अधिवक्ताओं को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा।