मनरेगा में काम करते मिले दो 'स्वर्गवासी' ! यूपी के इस जिले में मची खलबली, आंगनबाड़ी वर्कर को भी बनाया मजदूर
Meerut News मेरठ में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जहां दो स्वर्गवासी हो चुके मजदूरों के नाम पर मजदूरी निकाली जा रही थी। हस्तिनापुर विकास खंड के सठला गांव में यह घोटाला सामने आया है। इसे गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने सभी मजदूरों का सत्यापन शुरू करने के आदेश दिए हैं।

सर्वेंद्र पुंडीर, जागरण, मेरठ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना किस्तों में भ्रष्टाचार का शिकार हुई। अब सामने आया है कि सठला गांव के ग्राम सचिव ऐसे पुरुष एवं महिला मजदूर के नाम पर धन निकासी करवा रहे हैं, जिनकी आठ माह पूर्व मौत हो चुकी है। सीडीओ ने सभी मजूदरों का सत्यापन कराना शुरू कर दिया है।
हस्तिनापुर विकास खंड के गांव सठला निवासी फैजल खान ने डीएम को 12 जून को शिकायत की थी कि उनके गांव के सचिव मनरेगा में घोटाला कर रहे हैं। शिकायत में बताया गया था कि सठला गांव की एक मनरेगा महिला मजदूर रचना पत्नी आनंद और सुरेश पुत्र राजबीर की करीब आठ माह पूर्व मौत हो चुकी है। सचिव के दस्तावेजों में वह अभी भी मजदूरी कर रहे हैं।
दोनों की लगातार मजदूरी ली जा रही है। जिसके बाद डीएम ने यह जांच मनरेगा लोकपाल को सौंपी। मनरेगा लोकपाल रविंद्र चौहान ने जांच की तो यह साबित हो गया है कि दोनों मजदूरों की मौत हो चुकी है। वह मनरेगा में रजिस्टर्ड भी है। अब देखना यह है कि मजदूरी कब से ली जा रही है। बता दें कि एक मनरेगा मजदूर को एक दिन के 370 रुपये मिलते हैं। माह में लगभग साढ़े 11 हजार रुपये मिलते हैं।
फर्जी हाजिरी का चल रहा बड़ा खेल
मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी का भी बड़ा खेल चल रहा है। एमएमएस एप पर मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगती है। सठला के ग्राम सचिव पर आरोप है कि वह पुराने फोटो से इस एप पर मजदूरों की हाजिरी लगाते हैं। उदाहरण दिए गए कि आरिफ के खेत से लेकर गुड्डू के खेत तक चकरोड़ बनाई गई। यहां पर मजदूरों की संख्या कम थी, लेकिन एप पर अधिक दिखाई गई, ताकि पैसा लिया जा सके। इस प्रकरण की जांच अलग से चल रही है।
आंगनबाड़ी वर्कर को कैसे बना दिया मनरेगा मजदूर
मनरेगा लोकपाल रविंद्र चौहान ने बताया कि सठला गांव की रहने वाली रूकमेश पत्नी ऋषिपाल आंगनबाड़ी वर्कर है। नियम के अनुसार, वह मनरेगा में मजदूरी नहीं कर सकती है, लेकिन रूकमेश को मनरेगा कार्ड जारी किया हुआ है।
मनरेगा लोकपाल रविंद्र चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में सठला गांव की मृतक महिला और पुरुष मजदूर की मजदूरी लेने का मामला सामने आया है। मजदूरी कब से ली जा रही है। यह पता चलते ही सचिव और एडीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा जाएगा।
सीडीओ नूपुर गोयल का कहना है कि मनरेगा की सूची में दर्ज दो ऐसे मजदूरों के नाम पर धन की निकासी के साक्ष्य मिले हैं जो अब दुनिया में नहीं हैं। पूरी सूची का सत्यापन कराया जा रहा है।
इसलिए बनवाते हैं मनरेगा कार्ड
मनरेगा कार्ड धारकों को आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलता है। इस समय जनपद में मनरेगा के 54458 रजिस्टर्ड मजदूर हैं। जिसमें 19165 महिलाएं और 35293 पुरुष शामिल हैं।
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