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    Meerut: सुबह निकली धूप, दोपहर को बरसात ने फिर बढ़ाई परेशानी, गांव बस्तोरा से पलायन शुरू, ट्रेनों का संचालन प्रभावित

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 04:47 PM (IST)

    Meerut News मेरठ में भादों के अंतिम दिनों में सावन जैसी बरसात हो रही है। अत्यधिक बारिश के कारण जलभराव से लोगों को परेशानी हो रही है और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। यमुना का जल स्तर बढ़ने से ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। वहीं हस्तिनापुर क्षेत्र के बस्तौरा नारंग गांव में गंगा के कटान से लोग पलायन कर रहे हैं।

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    मेरठ के बस्तोरा नारंग गांव से जरूरत का सामान लेकर पलायन करते ग्रामीण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। भादों के अंतिम पड़ाव में सावन की तरह बरसात की झड़ी लगी हुई है। सितंबर आरंभ हुआ और पूरे माह होने वाली बरसात का कोटा न सिर्फ पूरा हो गया है, बल्कि 10 प्रतिशत वर्षा अधिक हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 45 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है।

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    बुधवार की सुबह से मौसम साफ रहा, लेकिन दोपहर एक बजे तक आसमान में बादल घिर आए और एक बार फिर बरसात शुरु हो गई। अतिरेक बरसात हो रहा जलभराव लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। तेज बरसात में सड़कों के गढ्ढे और गहरे हो गए हैं। सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। वहीं दिल्ली में में यमुना का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात हैं। ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित है। मानसून के 15 सितंबर के पहले वापसी के आसार नहीं हैं। 

    कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित

    यमुना का जल स्तर बढ़ने से कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया है। दिल्ली से जालंधर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन केवल मेरठ सिटी स्टेशन तक संचालित होगी। यह सिटी स्टेशन और दिल्ली के बीच निरस्त रहेगी। अंबाला से दिल्ली जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन को निरस्त कर दिया गया है। हरिद्वार एक्सप्रेस को दिल्ली शहादरा से संचालित किया जाएगा। हमसफर एक्सप्रेस और गरीब रथ एक्सप्रेस को बुधवार को वाया खुर्जा, मेरठ सिटी स्टेशन होते रवाना किया जाएगा।

    लगातार होता कटान बढ़ा रहा गांव बस्तोरा की मुश्किलें

    हस्तिनापुर। गंगा के जलस्तर में लगातार होती वृद्धि खादर क्षेत्र के बाशिंदों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बस्तोरा नारंग गांव के सामने गंगा जबरदस्त कटान कर रही हैं। जिससे ग्रामीण दहशत में रात गुजार रहे हैं और अपना जरूरत का सामान लेकर पलायन को मजबूर हैं।

    बिजनौर बैराज के अवर अभियंता घनश्याम का कहना है कि बुधवार को नदी का जलस्तर एक लाख 93 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज चल रहा है। जबकि गत रविवार को नदी का जलस्तर एक लाख 33 हजार क्यूसेक था। वहीं हरिद्वार से भी गंगा का जलस्तर एक लाख 89 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज चल रहा है। बस्तौरा नारंग गांव के लोग मिट्टी के कट्टे भरकर सड़क पर हो रहे कटान को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु बहुत तेज होने के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं हो पा रही। तेज कटान को देखते हुए ग्रामीणों का सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

    लोग ट्रैक्टर ट्राली व अन्य साधनों से सामान भरकर अपने परिचितों या रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे है। उधर, जिलाधिकारी मेरठ डा. वीके सिंह का कहना है कि खादर क्षेत्र में अभी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। बस्तोरा नारंग गांव के सामने नदी कटान कर रही है। लोक निर्माण विभाग को सड़क को बालू की बोरी आदि लगाकर कटान रोकने के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व व अन्य प्रशासनिक अधिकारी लगातार खादर क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए हैं।

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