प्राकृतिक रूप से जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम की अधिक मात्रा वाला मशरूम जल्द ही... यहां की जा रही तैयारी
जल्द ही बाजार में जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर मशरूम उपलब्ध होगा। इसे उगाने की तैयारी चल रही है। वैज्ञानिकों की टीम मशरूम की उच्च गुणवत्ता और पोषक तत्वों की अधिकतम मात्रा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। यह मशरूम प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और हृदय के कार्य को सुधारने में मदद करेगा।

जल्द ही बाजार में जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर मशरूम उपलब्ध होगा। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, मोदीपुरम (मेरठ)। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और आइसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लुधियाना के बीच शुक्रवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। किसानों के लिए खुलेंगी कमाई की नई राहें सात दिवसीय मशरूम बीज एवं उत्पादन प्रशिक्षण का शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालय में समापन हुआ।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए निदेशक ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रो. आइएस सेंगर ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा बायो फोर्टीफाइड मशरूम तैयार करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। जल्द ही बाजार में ऐसी क्वालिटी उपलब्ध होगी। जिसमें प्राकृतिक रूप से जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा अधिक होगी। इससे लोगों को पोषणयुक्त मशरूम आसानी से मिल सकेगी। इस दौरान उन्होंने बीज उत्पादन की आधुनिक तकनीक पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के विभागाध्यक्ष डॉ. आर.के. सिंह ने कहा कि मशरूम उत्पादन में असीम संभावनाएं हैं। देश में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है और उपभोक्ता भी पोषणयुक्त फूड की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में किसानों को मशरूम उत्पादन अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करनी चाहिए। विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को आधुनिक प्रजातियों, तापमान नियंत्रण, बीज निर्माण, पैकेजिंग और मार्केटिंग के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया। समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए। जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा अधिक होगी। इससे लोगों को पोषणयुक्त मशरूम आसानी से मिल पाएगी।
उन्होंने बीज उत्पादन की आधुनिक तकनीक पर भी चर्चा की। मुख्य अतिथि मोदीपुरम आलू अनुसंधान संस्थान के विभागाध्यक्ष डा. आरके सिंह ने संबोधन में कहा कि मशरूम उत्पादन में असीम संभावनाएं हैं। देश में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। उपभोक्ता भी पोषणयुक्त फूड की ओर आकर्षित हैं। ऐसे में किसानों को मशरूम उत्पादन अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करनी चाहिए। प्रतिभागियों को आधुनिक प्रजातियों, तापमान नियंत्रण, बीज निर्माण, पैकेजिंग और मार्केटिंग से संबंधित प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र बांटे।

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