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    व‍िंन्ध्याचल में अचानक श्रद्धालुओं की संख्या में आ गई कमी, स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित

    By anand mohan mishraEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 12:30 PM (IST)

    वाराणसी के विंध्याचल में मुख्य सड़क की जर्जर हालत के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है, जिससे स्थानीय व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि सड़क की वजह से दुकान का किराया और बिजली बिल भरना भी मुश्किल हो रहा है। व्यापारियों ने प्रशासन से सड़क की मरम्मत करवाने की मांग की है ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू हो सके।

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    स्‍थानीय बाजार में कई बार द‍िन भर सन्‍नाटा पसरा रह जा रहा है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी (व‍िन्ध्याचल)। बरतर से बंगाली तिराहा होते हुए शिवपुर, रामगया घाट तक जाने वाली मुख्य सड़क लंबे समय से जर्जर हालत में पड़ी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बनने से सड़क पर आवाजाही बेहद मुश्किल हो गई है।

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    इसी मार्ग से प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु मां व‍िन्ध्यवासिनी के दर्शन करने के ल‍िए आते थे, लेकिन खराब सड़क के कारण अब श्रद्धालुओं की आवक मे कमी देखने को मिल रही है।

    श्रद्धालुओं की कमी का सीधा असर स्थानीय व्यापार पर पड़ा है। थाना कोतवाली रोड से मंदिर मार्ग पर स्थित दुकानदार गुल्लू यादव, राजेश यादव, गोलू माली, स्यामू गुप्ता और शंकर जायसवाल ने बताया कि सड़क की बदहाल स्थिति ने उनके व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थिति यह है कि दुकान का किराया और बिजली बिल भरना भी मुश्किल होता जा रहा है।

    तिर्थपूरोहित भास्कर भट्ट,अजितेश मिश्र,रमन त्रीपाठी ने बताया कि अब तो अटल चौक से बंगाली तीराहा होते न्यू बी आई पी रोड व पटिगरा होते पुरानी बी आई पी रोड पर श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। व्यापारियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत करवाने की मांग की है, ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही फिर से सुचारू हो सके और स्थानीय व्यापार को राहत मिल सके।

    बीते द‍िनों सुरक्षा कारणों से वाहनों पर प्रत‍िबंध के बाद से ही दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्‍या भी दूर वाहन खड़ा करने की व‍िवशता की वजह से कम हुई है। जबकि‍ कारोबारी गत‍िव‍िध‍ि भी इस बीच प्रभाव‍ित हुई है।

    कारोबारी मान रहे हैं क‍ि बड़े त्‍योहार भले न हों मगर भक्‍तों की संख्‍या में धाम बनने के बाद इजाफा होना था मगर प्रयासों के बाद भी कोई राहत न होने से धाम में कई बार भक्‍तों की कतार तक खत्‍म होने की नौबत आ जाती है।