दुष्कर्म के बाद महिला की हत्या: दोषी को आजीवन कारावास, 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
मुरादाबाद की अदालत ने सात साल पुराने छजलैट हत्याकांड में राजू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया। उसे आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 2018 में भीकनपुर में एक अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। राजू ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी-01) प्रीति सिंह द्वितीय की अदालत ने सात वर्ष पुराने छजलैट हत्याकांड मामले में राजू को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास तथा दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सात साल पहले मामले में सुनाया फैसला, 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
यह मामला छह नवंबर 2018 का है, जब छजलैट क्षेत्र के भीकनपुर में दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 35 वर्षीय अज्ञात महिला का शव सुरेंद्र की दुकान के पीछे स्थित एक खाली प्लाट में मिला था। स्थानीय लोगों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस के लिए चुनौती मृतका की पहचान करना था, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद उसकी पहचान नहीं हो सकी। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि महिला पिछले कुछ दिनों से लावारिस हालत में इधर-उधर भटकती दिख रही थी।
पुलिस ने शक के आधार पर हिरासत में लिए लोग
इसी दौरान पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान भीकनपुर निवासी राजू का नाम सामने आया, जो गांव में यह चर्चा करता सुना जा रहा था कि पुलिस उससे भी पूछताछ कर सकती है। इस सूचना पर पुलिस ने राजू को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की।
पूछताछ में कबूला था जुर्म
पूछताछ में राजू ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने स्वीकार किया कि उसने महिला के साथ दुष्कर्म किया और भेद खुलने के डर से उसके सिर पर ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी। राजू की निशानदेही पर पुलिस ने मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए।
दोषी मानते हुए सजा सुनाई
मामला अदालत में विचाराधीन रहा और अभियोजन पक्ष ने सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपित के खिलाफ मजबूत पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने राजू को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने दुष्कर्म के लिए दस साल की कैद और दस हजार रुपये का जुर्माना तथा हत्या के लिए आजीवन कारावास के साथ बीस हजार रुपये जुर्माना लगाया।

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