कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित को दी गर्भ गिराने की अनुमति, हाईकोर्ट के आदेश पर छुट्टी के दिन खुली कोर्ट
मुरादाबाद की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को गर्भ गिराने की अनुमति दी है। हाईकोर्ट के आदेश पर अवकाश के दिन भी कोर्ट खुली। अदालत ने भ्रूण को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। आरोपी ने शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म किया था, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। मेडिकल बोर्ड ने युवती की जांच कर रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। न्यायमूर्ति ने सीजेएम को शक्तियां दी थीं।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई पीड़ित का गर्भ गिराने का फैसला मुरादाबाद की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुनाया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवकाश के दिन भी कोर्ट खुली। हाईकोर्ट ने अपनी शक्तियां सीजेएम कोर्ट को सौंपते हुए मामले की तत्काल सुनवाई करने के लिए कहा था। अदालत ने गर्भ गिराने के साथ भ्रूण भी सुरक्षित रखने के आदेश दिए है। पीड़ित 22 माह की गर्भवती है।
मुगलपुरा क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी युवती को शादी का झांसा देकर गलशहीद निवासी आरोपित ने दुष्कर्म किया था। इससे युवती गर्भवती हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपित को जेल भेज दिया था। इस बीच युवती ने अनचाहा गर्भ गिराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
सीएमओ के निर्देशन में गठित मेडिकल बोर्ड ने युवती के स्वास्थ्य और उम्र की जांच की और पिछले दिनों अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। युवती के अधिवक्ता अंकित टंडन, मोहम्मद शाहरुख व हाईकोर्ट में अधिवक्ता रियाज अहमद सिद्दकी ने बताया कि युवती ने हाईकोर्ट से गर्भ गिराने की अनुमति मांगी थी।
न्यायालय के आदेश पर मुरादाबाद में 17 अक्टूबर को सीएमओ के निर्देश में मेडिकल बोर्ड का पैनल गठित हुआ। युवती की उम्र और गर्भ लेकर 19 अक्टूबर को रिपोर्ट अदालत को सौंपी गई। 17 सितंबर को अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्र के समय युवती का 18 सप्ताह तीन दिन का गर्भ था।
एक्ट में संशोधन के तहत न्यायमूर्ति से गर्भ गिराने की अनुमति मांगी गई। इसके बाद न्यायमूर्ति ने मुरादाबाद की सीजेएम को शक्तियां निहित करते हुए इस मामले की सुनवाई को कहा। मुरादाबाद की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को पीड़ित को गर्भ गिराने की अनुमति दे दी।


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