मुरादाबाद के मदरसे के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शुरू, सीडीओ ने दो अधिकारियों को दी जांच की जिम्मेदारी
Moradabad Madrasa Scholarship Scam डिलारी के मिर्जापुर गांव के मदरसा एमएस फालहे मिल्लत में हुए 93500 रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले पर मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने जांच बैठा दी है। जांच के लिए उन्होंने दो जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी बनाई है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Madrasa Scholarship Scam : डिलारी के मिर्जापुर गांव के मदरसा एमएस फालहे मिल्लत में हुए 93500 रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले पर मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने जांच बैठा दी है। जांच के लिए उन्होंने दो जिला स्तरीय अधिकारियों की कमेटी बनाई है। जांच कमेटी को एक सप्ताह में इस मामले की रिपोर्ट देनी है। गुनहगार तय होने के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।
शुक्रवार के अंक में दैनिक जागरण ने मदरसे के छात्रवृत्ति घोटाले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसे लेकर मदरसा संचालकों में खलबली मची रही। आला अफसरों को जवाब दिए जाने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय फाइलें पटली जाती रहीं। हालांकि यह कोई नया मामला नहीं है। प्रदेश भर में अल्पसंख्यक विभाग की मदद से संचालित होने वाले मदरसों में कई छात्रवृत्ति घोटाले हो चुके हैं। डिलारी के मिर्जापुर गांव के मदरसा एमएस फालहे मिल्लत में छात्रवृत्ति का गड़बड़झाला तो इन सबसे अलग है। यहां तो प्रधानाध्यापक सलाउद्दीन खां और शिक्षक मुहम्मद असलम शिक्षक तक के नाम से छात्रवृत्ति निकाल ली गई।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह से की शिकायत में क्षेत्र के ही बहेड़ी ब्रह्मनान गांव के हामिद हुसैन ने वर्ष 2017 में 17 ऐसे युवकों के नाम से छात्रवृत्ति की 93500 रुपये की धनराशि निकालने की शिकायत की है, जिनमें से कुछ पता भी नहीं है। कई युवक तो ऐसे हैं, जो कभी मदरसे में पढ़े ही नहीं है। उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा छात्रवृत्ति मिलने से कई साल पहले पास कर ली है। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह घोटाल यहीं तक सीमित नहीं हैं। हर साल मदरसे में फर्जी तरीके से आनलाइन आवेदन कराकर छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़प ली जाती है। इसमें विभागीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है।
इसके अलावा अन्य मदरसों से आने वाले छात्रवृत्ति की सूची लेकर जांच कराई जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर मदरसे के छात्रवृत्ति घोटाले के मामले की जांच करने के लिए कमेटी बना दी है। इस मामले की जांच जिला विकास अधिकारी गोविंद पाठक और जिला युवा कल्याण अधिकारी नरेश कुमार चौहान करेंगे। एक सप्ताह में जांच कमेटी को इस पूरे मामले की रिपोर्ट सौंपनी हैं। इसके बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
फर्जी हस्ताक्षरों की सूची को लेकर शुरू हुआ था विवादः शिकायतकर्ता हामिद हुसैन सेवानिवृत्त उप निरीक्षक हैं। उनका बेटा खालिद हुसैन भी इसी मदरसे में आधुनिकीकरण योजना में शिक्षक है। 2015 में प्रधानाध्यापक के पद पर खालिद की ही तैनाती थी। खालिद ने बताया कि मेरे कार्यकाल में फर्जी हस्ताक्षर करके छात्रवृत्ति के लिए छात्रों की सूची दी जाती थी। उन्होंने अपने ही फर्जी हस्ताक्षरों की सूची पकड़ ली थी। इसे लेकर उसका मदरसे से संचालक से विवाद हो गया था। इसके बाद उसे प्रधानाध्यापक पद से हटा दिया गया था। बाद में सलाउद्दीन खां को प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद से उसे परेशान किया जा रहा था। खालिद ने बताया कि छात्रवृत्ति के नाम सरकार की मोटी रकम लेकर हड़पी गई है।

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