Updated: Fri, 05 Sep 2025 03:51 PM (IST)
मुरादाबाद में भारी बारिश के कारण रामगंगा और कोसी नदी उफान पर हैं जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीणों को नाव से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। फसलें बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। कालागढ़ बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद हालात और खराब होने की आशंका है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद । जिले में लगातार हो रही बारिश ने हालात गंभीर कर दिए हैं। रामगंगा और कोसी नदी उफान पर हैं। कई गांव जलमग्न हो चुके हैं और ग्रामीणों को नाव से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ रहा है। प्रशासन ने बचाव और राहत कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन वर्षा इसी तरह होती रही तो हालत बिगड़ सकते हैं। रामगंगा नदी का चेतावनी स्तर 190.60 मीटर है जबकि वर्तमान में इसका जलस्तर 189.38 मीटर पर दर्ज किया गया है।
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लगातार बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। कालागढ़ बैराज से छोड़ा गया 10 हजार क्यूसेक पानी तीन दिन बाद मुरादाबाद पहुंचेगा, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है। जिगर कालोनी और चांदमारी इलाके में प्रशासन ने पहले ही बैरिकेटिंग लगवाई थी, लेकिन तेज पानी ने उसे पार कर लिया। दोनों जगह पीएसी की तैनाती की गई है। कोसी नदी ने मूंढापांडे क्षेत्र के गांवों में तबाही मचा रखी है। न्याय पंचायत जेतपुर विसाहट के सभी गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
रानियाठेर-गदखेड़ा संपर्क मार्ग टूटा
रानियाठेर-गदखेड़ा संपर्क मार्ग टूट गया है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित है। लालपुर तीतरी, हीरापुर चक, कोनहकू, राजोड़ा दुपट्टा, किरणखेड़ा, भीतखेड़ा, अहरौला, जगरामपुरा, मनकरा और गणेशपुर सहरिया सहित दर्जनों गांवों में बाजरा और धान की फसलें चौपट हो गई हैं। कई जगह कटान भी शुरू हो गया है, जिससे खेत और घर नदी में समाने लगे हैं।
रनियाठेर गांव में प्रशासन द्वारा नाव भेजी गई है। यहां लोग घरों की छतों और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। शहर की भोलानाथ कालोनी में भी नाव के सहारे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। फसलें बर्बाद होने से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। भारतीय किसान यूनियन (असली) के जिला अध्यक्ष सतेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि बाढ़ ने किसानों की पूरी मेहनत डुबो दी है। कई गांवों में ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। जिला आपदा विशेषज्ञ प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि प्रभावित गांवों में नाव की व्यवस्था की गई है और निगरानी लगातार जारी है।
गांवों में पानी भरने से स्वास्थ्य को लेकर हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए टीमें भेज दी गई हैं। कई इलाकों में पीने का पानी दूषित हो गया है और मवेशियों के चारे की भारी समस्या खड़ी हो गई है। वहां भी टीमें भेजकर किसानों की मदद कराई जा रही है।
लगातार हो रहा राहत सामग्री का वितरण
राहत सामग्री का वितरण भी लगातार हो रहा है। बारिश के आंकड़े और खतरे का अनुमान बुधवार को जिले की विभिन्न तहसीलों में 7.62 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई।
तहसीलवार आंकड़ों में मुरादाबाद 4.83 मिमी, कांठ 4.5 मिमी, बिलारी 14.66 मिमी और ठाकुरद्वारा में 6.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। जलस्तर की बढ़ोतरी इसी का परिणाम है। गागन नदी भी 190.90 मीटर पर बह रही है, हालांकि उसका स्तर घटाव पर है। गुरुवार को लगातार बारिश और नदियों के उफान ने मुरादाबाद के ग्रामीण इलाकों में संकट खड़ा कर दिया है।
फसलों की तबाही, घरों में घुसा पानी, टूटे रास्ते और पलायन की स्थिति ने बाढ़ की त्रासदी को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है, मगर ग्रामीणों की समस्याएं कम होती नहीं दिख रही हैं। आने वाले दिनों में छोड़े गए पानी के पहुंचने के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं।
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