'आपरेशन री-क्लेम' : जानिए कैसे हुआ मुरादाबाद नगर निगम का करोड़ों फायदा
मुरादाबाद नगर निगम की ओर से अवैध कब्जे हटाने को लेकर आपरेशन री-क्लेम की स्थिति देखी गई। तब पता चला कि शहर में बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि और आवास को कब्जामुक्त कराया गया है। नगर निगम ने आपरेशन री-क्लेम के जरिये बीते डेढ़ साल से अब तक 1179.22 करोड़ रुपये की सरकारी जमीनें कब्जा मुक्त कराई गई हैं।

मुरादाबाद नगर निगम
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। प्रदेश में अवैध कब्जों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए हैं। इस बीच अवैध कब्जे हटाने को लेकर नगर निगम की ओर से आपरेशन री-क्लेम की स्थिति देखी गई तब पता चला कि शहर में बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि और आवास को कब्जामुक्त कराया गया है।
नगर निगम ने आपरेशन री-क्लेम के जरिये बीते डेढ़ साल से अब तक 1179.22 करोड़ रुपये की सरकारी जमीनें कब्जा मुक्त कराई हैं। इसमें सरकारी आवासों से लेकर प्लाट, सड़क किनारे की जमीनें, यहां तक कि राजनीतिक रसूख वालों के कब्जे तक हटवाए गए। सबसे बड़ी कार्रवाई पुराना ट्रांसपोर्ट नगर बाइपास की जमीन पर हुई, जहां 6500 वर्ग मीटर जमीन को खाली कराया गया।
कोर्ट में विचाराधीन होने से अभी छह आवास नहीं हुए खाली
नगर निगम के छह आवासों पर अभी भी कब्जा है। इन लोगों का हाई कोर्ट से स्टे है। जिससे नगर निगम इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है। नगर निगम ने अवैध कब्जों की सूची बनाई थी। दावा किया कि कोर्ट में विचाराधीन मामलों को छोड़कर लगभग सभी पर कब्जा ले लिया है।
कुछ पुरानी फाइलों की और पड़ताल कराई जा रही है। जिसमें नए मामले और भी सामने आ सकते हैं। नगर निगम की कंपनी बाग स्थित नर्सरी का मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है। टाइटस स्कूल परिसर की जमीन सबसे ज्यादा है। यह मामला भी कोर्ट में विचाराधीन होने से नगर निगम कब्जा नहीं ले पा रहा है।
पूर्व मेयर से भी कब्जा मुक्त कराया जा चुका सरकारी आवास
सिविल लाइंस स्थित नगर निगम के एक सरकारी आवास को पूर्व मेयर स्व. हुमांयु कदीर के परिवार से 6 जून 2024 को खाली कराया गया। आठ करोड़ रुपये मूल्य की यह संपत्ति 1995-2000 के कार्यकाल के दौरान उन्हें आवंटित हुई थी। कार्यकाल समाप्त होने और पूर्व मेयर हुमांयु कदीर के निधन के बावजूद स्वजन ने आवास खाली नहीं किया था। नगर निगम के नोटिस के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर आपरेशन री-क्लेम के तहत आवास पर कब्जा लिया गया।
ट्रांसपोर्ट नगर की 6500 वर्ग मीटर जमीन भी मुक्त
कटघर थाना क्षेत्र के पास पुराना ट्रांसपोर्ट नगर की 6500 वर्ग मीटर जमीन को 23 जुलाई 2024 को कब्जा मुक्त कराया गया। 120 अवैध कब्जेदारों से यह जमीन छुड़वाई गई, जिसकी बाजार में कीमत 200 करोड़ रुपये आंकी गई थी। अब यहां मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग की योजना पर काम हो रहा है। जिससे नगर निगम की आय के स्रोत भी बढ़ेंगे।
सपा विधायक से भी निगम खाली करा चुका आवास
सैंट मैरी स्कूल, गांधी पार्क के पास नौगांवा विधानसभा के सपा विधायक समरपाल सिंह से भी तीन करोड़ रुपये का आवास 3 जनवरी 2025 को कब्जा मुक्त कराया था। यह कार्रवाई बिना किसी दबाव के पूरी की गई, जो इस अभियान की निष्पक्षता का प्रमाण भी है। नगर निगम का कहना है कि जहां भी कब्जा लेने की जरूरत पड़ी, वहां न कानून झुका, न अधिकारी।
टाइटस स्कूल की जमीन को कब्जा मुक्त कराना चुनौती
नगर निगम के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती सिविल लाइंस स्थित टाइटस स्कूल परिसर की जमीन को कब्जा मुक्त कराना है। एक बार इस पर कब्जा लेने की कोशिश हुई, लेकिन विरोध के चलते रुकना पड़ा। मामला अब हाई कोर्ट में विचाराधीन है। निगम को विश्वास है कि फैसला उसके पक्ष में आएगा।
आपरेशन री-क्लेम केवल भूमि कब्जा हटाने का अभियान नहीं, बल्कि शहर को उसकी खोई हुई सरकारी जमीनें वापस दिलाने की लड़ाई है। अब निगाहें अगली बड़ी कार्रवाई पर टिकी हैं, जिसमें टाइटस स्कूल की जमीन शामिल है। अदालत का आदेश मिलने के बाद यह कब्जा भी हटाया जाएगा।
- दिव्यांशु पटेल, नगर आयुक्त
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