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    Paddy Purchase Scam : मुरादाबाद में भुगतान के लिए भटक रहे किसान, अब चीनी मिलों की संपत्ति होगी नीलाम

    By Mohsin PashaEdited By: Samanvay Pandey
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 07:58 AM (IST)

    Moradabad Paddy Purchase Scam एक अक्टूबर से इस साल के धान खरीद की तैयारी होने लगी है। लेकिन अधिकारी पिछले साल का किसानों का ही बकाया भुगतान नहीं करा ...और पढ़ें

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    Moradabad Paddy Purchase Scam : अफसरों की भूमिका पर भी उठ रहा है सवाल

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad Paddy Purchase Scam : एक अक्टूबर से इस साल के धान खरीद की तैयारी होने लगी है। लेकिन, अधिकारी पिछले साल का किसानों का ही बकाया भुगतान नहीं करा पाए। किसान धान के भुगतान के लिए अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं।

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    अधिकारियों की भूमिका पर उठ रहे सवाल

    उन्होंने एक नहीं कई अधिकारियों को अपना दर्द सुनाया है। चावल हड़पने वाली चीनी मिलों पर चार करोड़ से अधिक की धनराशि अभी बकाया है। अधिकारी आरोपितों से वसूली नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकरण में सहकारिता और खाद्य विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही हुई है।

    जानें कैसे हुआ था धान घोटाला

    वर्ष 2020-21 में पीसीएफ संस्था द्वारा स्थापित क्रय केंद्र किसान सेवा सहकारी समिति रायपुर खुर्द पर 91 किसानों से 3349.69 क्विंटल धान की खरीद आफलाइन कर ली गयी थी। इसी तरह कुचावली किसान सेवा सहकारी समिति पर 27 किसानों से 682.60 क्विंटल धान की खरीद हुई थी।

    इस तरह कुल 118 किसानों से 4032.2 क्विंटल धान नियम विरुद्ध आफलाइन खरीदने के बाद केंद्र प्रभारियों ने मिलों को चावल बनाने के लिए भेज दिया था। इस धान की फीडिंग ही नहीं कराई गयी। रायपुर खुर्द गांव के क्रय केंद्र से 2697.60 क्विंटल धान साईं इंडस्ट्रीज, ठाकुरद्वारा को एवं 652.00 क्विंटल धान शिव ट्रेडिंग कंपनी, ठाकुरद्वारा को दिया गया था। कुचावली क्रय केंद्र का धान शिव ट्रेडिंग कंपनी, ठाकुरद्वारा को भेजा गया था।

    अफसरों का दावा, मिलों की हो रही कुर्की

    इसी तरह से एसएफसी ने श्रीकृष्ण इंडस्ट्रीज, ठाकुरद्वारा और महादेव राइस मिल को धान की सप्लाई की थी। 20 नवंबर 2021 को दो मिलों की आरसी जारी की गयी। इसके बाद 14 दिसंबर 2021 को मिलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। अधिकारी मिलों की कुर्की का दावा कर रहे हैं।

    कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति 

    कहते हैं कि नीलामी की कार्रवाई चल रही है। लेकिन, किसानों अपने धान के भुगतान के लिए एक साल से भटक रहे हैं। दो मिलों के मालिकों के संबंधियों से सरकारी धन की वसूली की कार्रवाई हो रही है। मिलों से वसूली होने के बाद अभी चार करोड़ से अधिक का बकाया है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही है।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    अपर जिलाधिकारी प्रशासन और खरीद अधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि पिछले साल के धान खरीद प्रकरण में चार चावल मिल मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। यह मेरी यहां तैनाती के पहले का मामला है। मिल मालिकों ने कुछ धनराशि जमा कर दी है। लेकिन, करीब चार करोड़ की धनराशि अभी भी बकाया है।

    इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है। मिल मालिकों के स्वजन से बकाया वसूली करने के लिए सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, मुरादाबाद एवं जिला प्रबंधक पीसीएफ को पत्र अगस्त में ही लिखा जा चुका है।