मुरादाबाद में डिजिटल हाजिरी के विरोध में गरजे शिक्षक; 83 टीचर्स ने दिया इस्तीफा, प्रदर्शन में उठाई हैं ये मांगें
शिक्षकाें की जाजिरी ऑनलाइन करने का आदेश आने के बाद से इसका विरोध हो रहा है। बीते आठ जुलाई से अब तक विभिन्न तरीकों से शिक्षक अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आगरा में 65 शिक्षकों ने हाल ही में इस्तीफा दिया था। अब मुरादाबाद में भी कुंदरकी और बिलारी में शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है और इसकी रिपोर्ट बीएसए को सौंप दी है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। न्याय पंचायत पर निपुण शिक्षा के लिए काम करने वाले संकुलों ने डिजिटल हाजिरी के विरोध में अपने पद से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। मंगलवार को संकुल शिक्षकों की बैठक भी नहीं होगी। संकुल शिक्षकों का काम है कि विद्यालयों को निपुण बनाना और पठन-पाठन से लेकर अन्य सुविधाओं का ध्यान देना और रिपोर्ट शासन को भेजना।
कुंदरकी विकास खंड के सभी संकुल शिक्षकों ने डिजिटल हाजिरी के विरोध में इस्तीफा दे दिया है। खंड शिक्षाधिकारी त्रिलोकी नाथ को 44 संकुल शिक्षकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का पत्र सौंपा है। खंड शिक्षाधिकारी ने बीएसए को संकुलों द्वारा इस्तीफा देने की रिपोर्ट भेज दी है।
बिलारी में भी दिया शिक्षकों ने इस्तीफा
बिलारी में 39 शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, अन्य ब्लाक में भी संकुलों के इस्तीफे का सिलसिला बना हुआ है। संकुल अब पठन-पाठन के अलावा अतिरिक्त कार्य नहीं करेंगे। जिससे विद्यालयों को निपुण बनाने का काम अब ठप होने लगा है। शासन को रिपोर्ट नहीं जाने से कितने विद्यालय निपुण हुए, इससे शासन को जानकारी नहीं मिल पाएगी।
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प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षक प्रदर्शन के दौरान।
बीएएस कार्यालय तक किया प्रदर्शन
डिजिटल हाजिरी के विरोध में सोमवार को उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षकों ने कलक्ट्रेट से बीएसए कार्यालय तक जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। परिषदीय स्कूलों की छुट्टी के बाद बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करने के बाद शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
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ये मुद्दे भी उठाए
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय व कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर डिजिटल हाजिरी न लगाने को लेकर नारेबाजी की। शिक्षक बोले कि पहले अव्यवहारिकता को दूर करना चाहिए था। इसके अलावा पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों की भांति 31 उपार्जित अवकाश, 12 द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने समेत कई मांगों को उठाया।
जिलाध्यक्ष सर्वेश शर्मा ने कहा कि डिजिटल हाजिरी लागू करने से पहले लंबित मांगें पूरी होनी चाहिए। स्कूलों के रास्ते खराब हैं। शिक्षक बाढ़, वर्षा से होकर स्कूल जाते हैं। इस स्थिति में शिक्षक पांच-दस मिनट लेट होगा तो वेतन काटना न्याय संगत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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