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    बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को मिली जमानत, मगर अभी रिहाई नहीं होगी; ये है वजह

    Updated: Thu, 29 May 2025 08:48 PM (IST)

    बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राना को जीएसटी चोरी के मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है लेकिन गैंगस्टर एक्ट के कारण अभी रिहाई नहीं होगी। पिछले साल राना स्टील फैक्ट्री पर छापेमारी के दौरान तोड़फोड़ हुई थी जिसके बाद राना और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में अपील की गई थी।

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    पूर्व विधायक शाहनवाज राना को मिली जमानत, अभी रिहाई नहीं होगी

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। लगभग छह महीना से जेल में बंद बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राना को कूटरचित दस्तावेजों के जरिये जीएसटी चोरी करने के मुकदमे में हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन अभी उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकेगी। क्योंकि गैंग्सटर एक्ट समेत अन्य मामलों में जमानत नहीं मिली है।

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    गत पांच दिसंबर 2024 को सपा नेता एवं पूर्व सांसद कादिर राना की राना स्टील फैक्ट्री में मेरठ की केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) और माल एवं सेवाकर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) यूनिट देहरादून ने छापेमारी की थी। छापेमारी के विरोध में फैक्ट्री में अधिकारियों की पांच गाड़ियों में तोड़फोड़ के साथ पथराव किया गया था। महिला अधिकारी से बदसलूकी की गई थी।

    मामले में मेरठ यूनिट के जोनल इंटेलिजेंस आफिसर कौशल कुमार की ओर से कादिर राना की दो बेटियों, बेटे और भतीजे पूर्व विधायक शाहनवाज राना समेत कई के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसी दिन पुलिस ने पूर्व विधायक को भी गिरफ्तार किया था।

    बाद में गैंग्सटर एक्ट, कूटरचित दस्तावेजों से जीएसटी चोरी करने का भी पूर्व विधायक पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जीएसटी चोरी के मुकदमे में इस मामले में निचली अदालत से उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाई कोर्ट प्रयागराज में जमानत के लिए अपील की गई।

    उनके अधिवक्ता नकली सिंह त्यागी ने बताया कि शाहनवाज राना को जीएसटी चोरी के मामले में गुरुवार को उच्च न्यायालय से जमानत मिली है। हालांकि उनकी अभी रिहाई नहीं होगी, क्योंकि उनके विरुद्ध थाना सिविल लाइंस में दर्ज गैंग्सटर एक्ट के मामले में रिमांड नहीं बना है।

    उसके बाद ही मामले में जमानत के लिए अपील हाई कोर्ट में की जाएगी। पूर्व विधायक लगभग छह माह से जेल में बंद हैं, जबकि जेल में मोबाइल प्रयोग करने के बाद प्रशासन सख्त हो गया। जिस पर पूर्व विधायक को चित्रकूट जनपद की जेल में ट्रांसफर किया गया था। वर्तमान में वह चित्रकूट जेल में बंद हैं।