Muzaffarnagar: नशे के सौदागरों पर लगाम लगाने को शुरू हुआ है आपरेशन सवेरा, पुलिस को अभी तक मिली है यह कामयाबी
Muzzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में नशा कारोबार युवाओं को खोखला कर रहा है। पुलिस ने इस पर लगाम लगाने के लिए आपरेशन सवेरा अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत सहारनपुर रेंज के तीनों जनपदों सहारनपुर मुजफ्फरनगर और शामली में अब तक कुल 104 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे करोड़ों रुपये की ड्रग्स भी बरामद हुई है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जिले में अवैध नशे का धंधा करने वाले युवा पीढ़ी के भविष्य को खोखला कर रहे हैं। इनके खिलाफ पुलिस ने आपरेशन सवेरा अभियान चलाया और लगातार कार्रवाई भी हो रही है। आपरेशन सवेरा को यदि अपेक्षित सफलता मिली तो यह युवा पीढ़ी के लिए बहुत अच्छा होगा।
डीआइजी के निर्देश पर शुरू हुआ आपरेशन सवेरा
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि डीआइजी सहारनपुर रेंज अभिषेक सिंह के निर्देश पर 'आपरेशन सवेरा-नशे के अंधकार से जीवन के उजाले की ओर।' अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत मुजफ्फरनगर जिले में अब तक 25 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है जो नशे के अवैध धंधे में लिप्त थे। सहारनपुर रेंज के तीनों जनपद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली में इस अभियान के तहत गुरुवार तक कुल 104 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों से 13 करोड रुपए से अधिक कीमत के मादक पदार्थ एवं ड्रग्स बरामद की जा चुकी है। आपरेशन सवेरा के अन्तर्गत कुल 6.556 किग्रा स्मैक बरामद की गई है।
कस्बों और गांवों में नशे का जाल तेजी से फैल रहा
जिले के विभिन्न कस्बों और गांवों में नशे का जाल तेजी से फैल रहा है, जिससे युवा पीढ़ी सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। नशे की गिरफ्त में आकर युवा अपनी पढ़ाई, करियर और भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं। यह केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं रह गई है, बल्कि समाज और परिवार के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गई है। यह एक सामाजिक बुराई के रूप में सामने आ रही है। खासकर चरस, गांजा और स्मैक जैसे नशे के साथ-साथ नकली शराब और ड्रग्स का कारोबार तेजी से पनप रहा है। कई युवाओं को इस दलदल से निकलना मुश्किल हो रहा है, जिससे अपराध की घटनाएं भी बढ़ती हैं।
जानकारों का कहना है कि सामाजिक संस्थाओं को नशे के अवैध धंधे के खिलाफ अहम भूमिका निभानी होगी। युवाओं को जागरूक करना होगा। स्कूल-कॉलेज स्तर पर नशा मुक्ति अभियान चलाने की जरूरत है। ताकि छात्र जीवन की शुरुआत से ही बच्चे इस बुराई से दूर रह सकें। परिवारों को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी और उन्हें सकारात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करना होगा। युवाओं को शिक्षा के साथ ही खेल-कूद जैसी गतिविधियों की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा। अगर समाज, प्रशासन और परिवार मिलकर कदम उठाएं, तो इस गंभीर समस्या से न केवल मुजफ्फरनगर बल्कि पूरे प्रदेश को बचाया जा सकता है।
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