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    Muzaffarnagar News: संजीव बालियान ने कहा, गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी पर लगी रोक तत्काल हटाई जाए

    By Jagran NewsEdited By: Taruna Tayal
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 03:05 PM (IST)

    गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी की रोक पर भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के बाद अब केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल को लिखा पत्र। गंगा स्नान मेलों को बताया भारतीय संस्कृति का मुख्य हिस्सा

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    गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी की रोक पर केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने दिखाया कड़ा रुख।

    मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। गढ़मुक्तेश्वर में 29 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे कार्तिक गंगा स्नान मेले में हापुड, मेरठ जिला प्रशासन ने भैंसा-बुग्गी के आवागमन पर रोक लगाई है। इसके पीछे पशुओं में फैली लंपी वायरस की बीमारी का हवाला दिया गया है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के बाद अब केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री, मेरठ, सहारनपुर मंडलायुक्त समेत हापुड, मेरठ, मुजफ्फरनगर डीएम को पत्र लिखा है। जिसमें कहा कि कार्तिक मेले में भैंसा-बुग्गी पर लगाई गई रोक को तत्काल हटाया जाए।

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    भारतीय संस्कृति से जुड़े हैं गंगा स्नान मेले

    केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा जारी किए गए पत्र में साफ लिखा है, कि देशभर में लंपी वायरस की बीमारी गोवंशीय पशुओं में पाई है। देश में कहीं भी भैंस, खच्चर, घोड़ा आदि में यह बीमारी नहीं मिली है। गढ़ गंगा कार्तिक मेला पैराणिक व धार्मिक होने के कारण उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत आसपास के जिलों से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है, जो मां गंगा का आचमन करने पहुंचती है। कोविड़-19 संक्रमण काल के कारण दो वर्ष से मेले का आयोजन नहीं हो रहा था। इस बार हापुड़ प्रशासन ने मेले में घोड़ा, खच्चर, गाय, बैल एवं भैंसा-बुग्गी का प्रवेश लंपी वायरस का हवाला देकर प्रतिबंध किए है। देशभर में भैंस वंशीय पशुओं में लंपी की बीमारी नहीं मिली है। लाखों लोगों की आस्था एवं पुरानी संस्कृति को संजोने वाले कार्तिक मेला स्नान में श्रद्धालु अपने संसाधनों से आते और जाते हैं। आस्था को ध्यान में रखकर मेले में भैंसा-बुग्गी पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए।

    भाकियू अध्यक्ष ने भी जताई थी नारागजी

    भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने भी हापुड़, मेरठ प्रशासन के इस निर्णय पर नाराजगी जताई थी। कहा कि प्रशासन लोगों को नि:शुल्क मेले में पहुंचाने की व्यवस्था नहीं कर सकता है। इस तरह के प्रतिबंध भारतीय संस्कृति से छेड़छाड़ जैसे हैं। 

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