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    यमुना में तीन गुना बढ़ा BOD, दूषित पानी से छठ व्रतियों को चर्म रोग और सांस की दिक्कत का खतरा

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 06:00 AM (IST)

    नोएडा में छठ पूजा की तैयारियां चल रही हैं। कालिंदी कुंज घाट पर पिछले साल ढाई लाख श्रद्धालु आए थे, इस साल भी बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। ओखला बैराज के गेट खुलने से पानी साफ दिख रहा है, पर पानी में बीओडी की मात्रा ज्यादा होने से त्वचा संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। नोएडा प्राधिकरण 17 घाट बना रहा है, और कई समितियां भी घाट तैयार कर रही हैं। यमुना किनारे सफाई की जा रही है ताकि छठ पूजा शांति से संपन्न हो।

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    ओखला बैराज के सभी 17 गेट खुले

    जागरण संवाददाता, नोएडा। कालिंदी कुंज घाट पर बीते वर्ष 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालु छठ पर्व के साक्षी बने। इस वर्ष 1.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पहुंचने का अनुमान है। ओखला बैरोज के 17 गेट खुले हैं। पानी तेजी से आगे की ओर बह रहा है। इससे झाग नहीं बनने से पानी साफ नजर आ रहा है। श्रद्धालुओं के लिए यह राहत भरा है। 

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    हालांकि, ओखला बैराज से छोड़े जा रहे पानी में बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) सामान्य से तीन गुना अधिक और डीओ (डिसोल्व ऑक्सीजन) करीब डेढ़ अंक कम है। यह चर्म संबंधी समस्या बन सकती है। बाढ़ के बाद यमुना किनारे जमा सिल्ट और कीचड़ श्रद्धालुओं की परेशानी की वजह भी बन सकती है।

    बीते वर्ष तक दिल्ली में छठ पूजा बंद होने से कालिंदी कुंज, सरिता विहार, संगम विहार समेत अन्य हिस्सों से श्रद्धालु नोएडा में पूजा करने आते हैं। दिल्ली की ओर भी घाट बनने से करीब एक लाख श्रद्धालु नोएडा की ओर पूजा करने नहीं आएंगे। 

    आयोजक सिल्ट और कीचड़ को ने यहां पर सफाई के लिए नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया। प्राधिकरण ने यह सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी बताई। छठ महापर्व 25 से शुरू होकर 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ संपन्न होगा।

    प्राधिकरण ने 17 घाट बनाने का कार्य शुरू किया

    नोएडा प्राधिकरण नौ वर्क सर्किल क्षेत्र में 17 घाट बनाने की तैयारी में हैं। यहां पर घाट बनाने का कार्य और पूर्व में बने घाटों की सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार शाम तक सफाई कार्य पूरा कर इन सभी कृत्रिम घाटों में पानी भर दिया जाएगा।

    समिति और निवासी तैयार करते हैं 100 से अधिक घाट

    नोएडा क्षेत्र कई समितियां हैं जो छठ पर्व को लेकर तैयारियां करतीं हैं। घाट बनवाकर श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालती हैं जिससे वह बिना किसी परेशानी के पूजा कर सके। सेक्टर 12, 22, 49, 50, 52, 56, 62, 63, 71, 74 और 82 जैसे प्रमुख इलाकों में बड़े घाट बनाए गए हैं। 

    सेक्टर-21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में बड़ा घाट बनाया गया है। कृत्रित घाटों में सबसे अधिक श्रद्धालु यहां छठ पूजा के लिए पहुंचते हैं।

    स्विमिंग पूल बनेंगे छठ घाट

    आवासीय बहुमंजिला इमारतों के स्विमिंग पूल को छठ घाट के रूप में तैयार किए जा रहे हैं। महागुन मॉडर्न, प्रतीक विस्टीरिया, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू-2 में बने स्विमिंग पूल की साफ सफाई कर पानी भर दिया गया है। श्रद्धालु और व्रति यहां पूजा कर सकेंगे।

    सांस लेने में दिक्कत और खुजली की हो सकती है परेशानी

    जिला अस्पताल के चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक का कहना है कि यमुना के पानी में अमोनिया और फास्फेट की मात्रा ज्यादा है। कई जगह बिना शोधित पानी और औद्याेगिक इकाइयों का सीवरेज उसमें डाला जाता है। 

    इस पानी के इस्तेमाल से लोगों को सांस की दिक्कत के साथ शरीर में खुजली, लालपन और पित्ती उछलने की समस्या हो सकती है। यदि कोई पानी से चेहरा धोता है तो लाल दाने हो सकते हैं। 

    बचाव के लिए शरीर को तुरंत साफ पानी से धोएं। और उससे पहले नारियल का तेल शरीर पर लगाकर रखें जिससे दूषित पानी जल्दी असर नहीं करेगा। बाद में हल्की खुजली होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

    पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम बीओडी सामान्य से तीन गुना अधिक

    हाल में 29 सितंबर को ओखला बैराज से छोड़े जाने वाली यमुना नदी के पानी की रिपोर्ट के अनुसार यहां पर बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) 15 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज हुई। यह सामान्य से तीन गुना अधिक है। इससे चर्म रोग संबंधी परेशानियां हो सकतीं हैं। वहीं, डीओ (डिसोल्व ऑक्सीजन) 3.7 दर्ज हुई। यह सामान्य से 1.3 अंक कम है। डीओ की मात्रा तीन अंक से होने पर जलीय जीवन को खतरा रहता है।

    बीते आठ वर्षों से सेक्टर-75 पार्क में आयोजन कर रहे हैं। पहले 10 से 12 लोग पूजा करने आते थे। अब 500 से अधिक संख्या में आते हैं। छोटे तालाब को और बडा किया गया है।- डॉ. मुन्ना कुमार शर्मा, अध्यक्ष,श्री सूर्यदेव पूजा समिति


    सोसायटी की छत पर कृत्रिम तालाब के रूप में वाटर बाडी तैयार की जा रही है। दर्जनों निवासी छठ पूजा में भाग लेते हैं। पूजन और अर्घ्य के लिए किसी को बाहर नहीं जाना पडेगा।- नितेश रंजन, एओए अध्यक्ष प्रतीक विस्टीरिया