दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों की एंट्री बंद, 4 जिलों में 10 और 15 साल पुराने वाहनों पर 2026 से प्रतिबंध
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए पुराने वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। 2026 से गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, हापुड़ और बुलंदशहर में 10 और 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। इस कदम का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है, क्योंकि पुराने वाहन प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। दिल्ली एनसीआर के चार जिलों गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ में 10 व 15 साल पुराने डीजल व पेट्रोल वाहनों के संचालन पर एक नवंबर 2026 से पहले प्रतिबंध लगाया जाएगा।
यह फैसला शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभागार में आयोजित चारों जिलों के समीक्षा बैठक के बाद वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री डाॅ. अरुण कुमार सक्सेना, प्रमुख सचिव अनिल कुमार व यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डाॅ. आरपी सिंह ने कही।
बैठक में सार्वजनिक किए गए आंकड़े
बैठक में सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 से अब तक कुल 2552 वाहनों को जब्त किया गया, 20075 वाहनों को एनओसी जारी किया गया। प्रदूषण के हाटस्पाट गौतमबुद्ध नगर में सबसे अधिक सात दर्ज हुए। गाजियाबाद में पांच, बुलंदशहर में पांच, हापुड़ में दो हाॅटस्पाॅट दर्ज हुए।
सड़क किनारे सफाई व डस्ट मैनेजमेंट में जिले का सराहनीय प्रयास रहा। इसके लिए गौतमबुद्ध नगर 224 वाटर स्प्रिंक्लर, 94 एंटी स्माग गन, गाजियाबाद 41 वाटर स्प्रिंक्लर, 107 एंटी स्माग गन, हापुड़ तीन वाटर स्प्रिंक्लर व तीन एंटी स्माग गन, बुलंदशहर 59 वाटर स्प्रिंक्लर और पांच एंटी स्माॅग गन की मदद ले रहा है।
अधिकारियों ने किया भौतिक निरीक्षण
डस्ट रोकथाम की दिशा में एप पर कुल 884 परियोजनाएं दर्ज हुईं। इनमें से 759 में सेल्फ ऑडिट और 454 मामलों में विभागीय अधिकारियों की टीम ने भौतिक निरीक्षण किया। बैठक में बुलंदशहर, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी समेत क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी, संभागीय परिवहन अधिकारी, प्राधिकरण के अधिकारी समेत पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों पर विस्तार से चर्चा हुई।
1100 से अधिक पुराने वाहनों पर कार्रवाई
पुराने वाहनों से निकलने वाले धुएं को रोकने के अलावा फैक्ट्री उत्सर्जन, कूड़ा जलाने की घटनाओं, सड़कों पर धूल नियंत्रण और मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के उपयोग पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस साल अब तक 1100 से अधिक पुराने वाहनों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें चालान काटना, वाहन जब्त करना और जुर्माना शामिल है।
पराली से होने वाले प्रदूषण पर मंथन
राज्य मंत्री डाॅ. अरुण कुमार सक्सेना ने दावा किया कि पिछले साल की तुलना में इस दीपावली के बाद प्रदूषण स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहा दीपावली से पहले ही प्रदूषण की रोकथाम की व्यापक तैयारी शुरू कर दी गई थी। पराली जलाने, पटाखों और वाहनों पर नियंत्रण से स्थिति बेहतर हुई है। ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ में प्रदूषण के हाटस्पाट क्षेत्रों में फागिंग, वाटर स्प्रिंकलिंग और स्वीपिंग मशीनों का व्यापक उपयोग के लिए कहा।
पीएम 10 स्तर को घटाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली एनसीआर नहीं बल्कि इस मौसम में हर जगह होता है। इस मौसम में एयर शेड बन जाता है, जिसके कारण प्रदूषण कण हवा में आसपास ही तैरते रहते हैं और फैल नहीं पाते। यह शेड न केवल दिल्ली-एनसीआर में, बल्कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल के हिस्सों में भी बनता है। प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा कि बैठक का उद्देश्य एनसीआर में पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर को 20-30 प्रतिशत तक कम करना है।
प्रतिबंध से वाहन उत्सर्जन में 40 प्रतिशत तक कमी
पुराने वाहनों पर प्रतिबंध से वाहन उत्सर्जन में 40 प्रतिशत तक कमी आएगी। कुल मिलाकर यह कदम दिल्ली-एनसीआर की हवा को साफ करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। बैठक में उन्होंने विभिन्न विभागों के विभागध्यक्षों के शामिल न होने पर कड़ी नाराजगी भी जताई।
पराली जलाने के मामलों में भी कमी
| जिला | 2023 | 2024 | 2025 |
| गौतमबुद्ध नगर | 15 | 41 | 6 |
| गाजियाबाद | 31 | 29 | 4 |
| हापुड़ | 17 | 24 | 3 |
| बुलंदशहर | 28 | 61 | 3 |
डस्ट एप पर कहां कितने पंजीकरण
| जिला | परियोजना संख्या | सेल्फ ऑडिट | भौतिक निरीक्षण |
| बुलंदशहर | 61 | 49 | 16 |
| नोएडा | 430 | 322 | 77 |
| ग्रेटर नोएडा | 128 | 127 | 103 |
| गाजियाबाद | 243 | 240 | 238 |
| हापुड़ | 22 | 21 | 20 |
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