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    ग्रेटर नोएडा हस्तशिल्प मेला 2025: आज से शुरुआत, 110 से अधिक देशों के खरीदार और 3000 से अधिक प्रदर्शक लेंगे हिस्सा

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 07:46 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में पांच दिवसीय इंडिया हैंडीक्राफ्ट्स एंड गिफ्ट्स फेयर का आयोजन किया जा रहा है। 'आटम 2025' नामक इस मेले का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री करेंगे। इस मेले में 110 से अधिक देशों के खरीदार और 3000 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे, जो होम, फैशन, लाइफस्टाइल, और फर्नीचर जैसे उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। यह मेला भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है।

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आज से पांच दिवसीय इंडिया हैंडीक्राफ्ट्स एंड गिफ्ट्स फेयर (आइएचजीएफ) का आगाज होगा। मेले का 60वें संस्करण ‘आटम 2025’ का उद्घाटन उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी करेंगे। इस दौरान विशिष्ट अतिथि दिल्ली सरकार के कानून व न्याय मंत्री कपिल मिश्रा व फिल्म डेवलपमेंट काउंसिल के उपाध्यक्ष तरुण राठी उपस्थित रहेंगे।

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    हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) की ओर से आयोजित मेले में 110 से अधिक देशों से खरीदार आएंगे और 16 हाल और 900 स्थायी शोरूमों में 3000 से अधिक प्रदर्शकों शामिल होंगे। इस दौरान होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग, फर्नीचर और इंटीरियर से जुड़े प्रमुख उत्पाद शामिल हैं, जिन्हें 16 अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है।

    ईपीसीएच के अध्यक्ष डा. नीरज खन्ना ने कहा कि पिछले तीन दशकों में आइएचजीएफ वैश्विक खरीदारों और भारतीय निर्यातकों के लिए एक विश्वसनीय सोर्सिंग प्लेटफार्म के रूप में विकसित हुआ है। इस साल मेले का बाहरी स्वरूप को खास तौर पर वेव आफ प्रोग्रेस यानी ‘प्रगति की लहर’ थीम पर डिजाइन किया गया है, जो भारतीय हस्तशिल्प की विविधता, जीवंतता और जोश से भरे जज्बे को खूबसूरती से दर्शाता है।

    ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आइईएमएल के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने मेला भारत व विदेशों में व्यापार के बेहतरीन अवसरों के कारण यह वैश्विक खरीदारों का एक पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा इस मेले के माध्यम से ईपीसीएच एक अनुकूल व्यापार माहौल बनाता है, जहां सबसे बड़ी संख्या में प्रदर्शक एक जगह इकट्ठा होते हैं, यहां आने वाले विदेशी खरीदारों को निर्यातकों से सीधी बातचीत का मौका मिलता है।

    मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने कहा कि मेला नए उद्यम शुरू करने की सोच को भी बढ़ावा देता है और कारीगरों व निर्यातकों को हौसला देता है कि वे नए और अच्छी डिजाइन वाले कलेक्शन लेकर आएं। मेला अध्यक्ष रजत अस्थाना ने कहा कि यह आयोजन भारत की युवा शक्ति और देश की आबादी से मिलने वाली ताकत को दर्शाता है, जो नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से चुनौतियों को अवसरों में बदल रहे हैं।

    कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने जानकारी दी कि मेले में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, कतर, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका समेत 110 देश शामिल हैं। 2024-25 के दौरान हस्तशिल्पों का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये का हुआ। इस दौरान उपाध्यक्ष सिमरनदीप सिंह, रोहित ढल, मोहित चोपड़ा आदि उपस्थित रहे।