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    ग्रेटर नोएडा के आईटी सिटी में बनेगा 12 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, 42 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 09:39 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आईटी सिटी में 42 करोड़ रुपये की लागत से 12 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाएगा। निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है और एक साल में पूरा होने का लक्ष्य है। यह टर्सरी ट्रीटमेंट तकनीक पर आधारित होगा। सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवर को शत-प्रतिशत शोधित करने के लक्ष्य के तहत इसे मंजूरी दी है। एनजीटी के निर्देशानुसार शोधित पानी को और स्वच्छ बनाया जाएगा ।

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    सीवर ट्रीटमेंट प्लांट। फोटो सौजन्य- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आईटी सिटी में एसटीपी का निर्माण करेगा। 12 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के निर्माण पर 42 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक साल में यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसे ट्रसरी ट्रीटमेंट तकनीक पर बनाया जाएगा।

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    ग्रेटर नोएडा में सीवर को शत-प्रतिशत शोधित करने का लक्ष्य हासिल करने को सीईओ एनजी रवि कुमार ने आईटी सिटी में 12 एमएलडी क्षमता के अत्याधुनिक तकनीक वाले एसटीपी के निर्माण को हरी झंडी दी है। ग्रेटर नोएडा में चार एसटीपी हैं।

    इनमें बादलपुर में दो एमएलडी क्षमता का एसटीपी, कासना में 137 एमएलडी, ईकोटेक 2 में 15 एमएलडी और ईकोटेक 3 में 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 1 में 45 एमएलडी क्षमता का एसटीपी निर्माणाधीन है।

    एनजीटी ने एसटीपी से शोधित पानी को और स्वच्छ बनाने के निर्देश दिए हैं। मौजूदा समय में एसटीपी से शोधित पानी में फिकल की मात्रा 230 मिलीग्राम प्रति लीटर के आसपास होती है। एनजीटी ने इसे और कम करने को कहा है। इसमें टीडीएस व बीओडी-सीओडी की मात्रा कम हो जाएगी। इससे जल प्रदूषण पर भी लगाम लग सकेगी।

    एनजीटी के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवरेज का शत-प्रतिशत शोधन करने की पर काम करने के निर्देश दिए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सीईओ ने आइटी सिटी में 12 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के निर्माण को मंजूरी दी है।

    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीवर विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि आइटी सिटी में एसटीपी के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। एनजीटी से निर्धारित मानकों पर इसे ट्रसरी ट्रीटमेंट तकनीक पर बनाया जाएगा।

    एसीईओ प्रेरणा सिंह का कहना है कि एनजीटी के निर्देशों के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जरूरत के अनुसार एसटीपी का निर्माण कराने के लिए प्रयासरत है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एसटीपी का निर्माण हो रहा है।

    आइटी सिटी में एसटीपी के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। शोधित पानी को और स्वच्छ बनाकर इसका इस्तेमाल औद्योगिक उत्पादनों के लिए भी किया जा सकेगा। इससे भूजल स्तर को रोकने में भी मदद मिलेगी।

    ग्रेटर नोएडा में मौजूद एसटीपी व उनकी क्षमता

              एसटीपी -    क्षमता

    • बादलपुर -- 2 एमएलडी
    • कासना -- 137 एमएलडी
    • ईकोटेक-2 -- 15 एमएलडी
    • ईकोटेक-3 -- 20 एमएलडी