नोएडा का यह डिग्री कॉलेज होगा स्वायत्त, पीजी और प्रोफेशनल कोर्स होंगे शुरू
नोएडा के सेक्टर 39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को जल्द ही स्वायत्तशासी दर्जा मिलने की उम्मीद है। महाविद्यालय ने यूजीसी की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इससे महाविद्यालय नए पाठ्यक्रम शुरू करने शिक्षकों की भर्ती करने और बुनियादी ढांचे को विकसित करने जैसे निर्णय स्वयं ले सकेगा। छात्रों को परास्नातक और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की सुविधा मिलेगी और शिक्षकों की कमी भी दूर होगी।

चेतना राठौर, नोएडा। सेक्टर 39 में 15 एकड़ में स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को स्वायत्तशासी दर्जा मिलेगा। इसके लिए महाविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। जल्द ही यूजीसी तीन सदस्यीय समिति के साथ मिलकर महाविद्यालय के दस्तावेजों की जांच कर उन्हें मंजूरी देगी।
सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर महाविद्यालय को स्वायत्तशासी दर्जा मिल जाएगा। अभी तक महाविद्यालय को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के निर्देशों के अनुसार काम करना पड़ता था।
स्वायत्तशासी दर्जा मिलने के बाद महाविद्यालय सीटें बढ़ाने, नए पाठ्यक्रम जोड़ने, शिक्षकों की भर्ती, बुनियादी ढांचे आदि सभी निर्णय स्वयं ले सकेगा। बोर्ड के सदस्य महाविद्यालय के संबंध में निर्णय ले सकेंगे।
बता दें कि जिले में केवल एक ही स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। महाविद्यालय में केवल तीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम एमए, एमएससी, एमकॉम होने के कारण छात्रों को परास्नातक की पढ़ाई के लिए दूसरे जिलों या दिल्ली जाना पड़ता है। छात्रों की समस्याओं को देखते हुए महाविद्यालय जल्द ही नए पीजी पाठ्यक्रम, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेगा।
शिक्षकों की भर्ती की जाएगी
कॉलेज में पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ने के साथ ही शिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी। शिक्षकों की कमी और छात्रों की अधिकता के कारण, शिक्षकों को दोगुनी संख्या में कक्षाएं लेनी पड़ती हैं। शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।
कॉलेज को मिलेंगी स्मार्ट कक्षाएं
कॉलेज में छह प्रयोगशालाएं और तीन स्मार्ट कक्षाएं हैं। जल्द ही अन्य कक्षाओं को भी स्मार्ट कक्षाएं बनाया जाएगा। इससे विज्ञान और अर्थशास्त्र विषयों के छात्र डिजिटल रूप से पढ़ाई कर सकेंगे।
कॉलेज ने स्वायत्त दर्जा प्राप्त करने के लिए यूजीसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। कॉलेज को जल्द ही स्वायत्त दर्जा मिल जाएगा। कॉलेज में पीजी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएँगे।
-प्रो. डॉ. आर.के. गुप्ता, प्राचार्य, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय
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