राजस्थान के बाद नोएडा के जेवर में गिरी स्कूल की छत, दो साल पहले हुई थी जर्जर घोषित
नोएडा के जेवर इलाके में एक जर्जर स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा टल गया क्योंकि उस समय बच्चे मौजूद नहीं थे। दो साल पहले जर्जर घोषित इस स्कूल की इमारत ...और पढ़ें

मनोज कुमार शर्मा, नोएडा। राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल की छत गिरने की दुखद घटना के बाद भी शिक्षा विभाग की गहरी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के रूप में पहचान बना चुके गौतमबुद्धनगर जिले में फंड की कमी नहीं हैं, लेकिन विभाग की नींद के चलते कई सरकारी जर्जर स्कूलों में मासूम बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने काे मजबूर हैं। तीसरी किस्त में जेवर के रामपुर बांगर कंपोजिट विद्यालय की जर्जर स्थिति की जागरण संवाददाता मनोज कुमार शर्मा की रिपोर्ट...
सरकार और शासन के लाख प्रयासों के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है ताजा मामला जेवर के रामपुर बांगर गांव का है। दो वर्ष से जर्जर घोषित स्कूल की इमारत गिरने के लिए हथौड़े के इंतजार में बृहस्पतिवार वर्षा के बाद खुद ही गिर गई।
गनीमत रही कि जिस समय स्कूल की छत गिरी उस समय स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे। हालांकि जर्जर भवन के अंदर रखी कुर्सी मेज और झूला आदि छत से मलबा गिरने से क्षतिग्रस्त हो गए।
जेवर के रामपुर बांगर कंपोजिट विद्यालय की कक्षा एक से आठवीं तक करीब 140 छात्र व छात्राएं पंजीकृत हैं। स्कूल में दो इमारत बेहद जर्जर हालत में हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने सर्वे के बाद इमारत को जर्जर घोषित कर दिया था।
शिक्षा विभाग ने भवन की जर्जर हालत को देखते हुए इसे गिराने का फैसला किया और 21 सितंबर 2023 में इसे ध्वस्त कराने के लिए नीलामी की सूचना प्रकाशित कराई। ग्रामीणों का आरोप है कि नीलामी की न्यूनतम बोली 1.22 लाख मलबे के हिसाब से बहुत ज्यादा थी, जिसकी वजह से इसको ध्वस्त करने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
विभाग ने भी उसी वर्ष दो ओर प्रयास किए उसके बाद ध्वस्तरीकरण को भूल गहरी नींद में सो गया। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की पुरानी इमारत की जो छत गिरी है, वह भी निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार का शिकार हुई थी। छत गिरने के बाद जानकारी हुई कि छत में एक फीट की दूरी पर सरिया हैं, जो किसी मानक से सही नहीं हैं।
वर्षा की वजह से स्कूल में कोई इमारत नहीं गिरी है जर्जर भवन को मजदूर लगाकर ध्वस्त कराया जा रहा है। - प्रधान अध्यापक बीना शर्मा
कंपोजिट विद्यालय रामपुर बांगर की एक इमारत दो साल से जर्जर घोषित है जिसके, ध्वस्तरीकरण के लिए तीन बार नीलामी की प्रक्रिया अपनाते हुए ध्वस्त करने के प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। जर्जर भवन में बच्चों की पढ़ाई नहीं कराई जाती जल्द उसे ध्वस्त कराया जाएगा।
मोहम्मद राशिद खंड शिक्षा अधिकारी जेवर
जर्जर बिल्डिंग और जलभराव के पास डर के साये में पढ़ रहे 115 बच्चे
वहीं पर दनकौर कस्बा स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के नजदीक बने उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे 115 छात्र और छात्राएं डर के साये में पढ़ रहे हैं, जिस बिल्डिंग में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उसके मात्र तीन मीटर की दूरी पर ही अन्य बिल्डिंग है जिसको अप्रैल में ही जर्जर घोषित किया गया है।
साथ ही इसके बिलकुल नजदीक ही कंपोजिट विद्यालय की बिल्डिंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बिल्डिंग का बेस बनाने के लिए करीब चार फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है, लेकिन वर्षा के कारण वह पानी से लबालब भर गया है, जिसके चारों ओर बैरिकेडिंग नहीं की गई है।
इस कारण यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र और छात्राओं के साथ अनहोनी घटना की आशंका बनी हुई है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक निरंजन नागर ने बताया कि जिस बिल्डिंग में बच्चे पहले पढ़ाई कर रहे थे वह जर्जर हो चुकी है।
इस बिल्डिंग को अप्रैल में जर्जर घोषित कर इसके करीब तीन मीटर की दूरी पर बनी नई बिल्डिंग में बच्चों को स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही परिसर में कंपोजिट विद्यालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

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