नोएडा गोलीकांड: 'सबका लाडला था देवांश, सोचा नहीं था कभी ऐसा होगा... पिता के आसू बयां कर रहे बेटे को खोने का दर्द
नोएडा में सेवानिवृत्त डीएसपी पिता बेटे देवांश की मौत का सच जानने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। देवांश परिवार का लाडला था जिसकी अचानक मौत से सभी सदमे में हैं। पिता ने बताया कि देवांश पढ़ाई में अच्छा था और उसे कोई बुरी आदत नहीं थी। बंद कमरे में क्या हुआ यह एक रहस्य बनकर रह गया है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। सबसे छोटा देवांश घर का लाडला था। उसे गुस्से से डांटना तो दूर, आंखों से डराया तक नहीं था। कभी सोचा नहीं था मेरी जिंदगी का सहारा एक दिन अकेला छोड़कर चला जाएगा । यह शब्द सेवानिवृत्त डीएसपी और पिता सुरेंद्र चौहान की आंखों से निकलते आंसू बेटे की मौत के सदमे को बयां कर रहे थे।
सूचना पर बुधवार सुबह बेटी समेत अन्य स्वजन के साथ सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे पिता की आंखे हर किसी से मौत का राज पता करने के बेताब नजर आ रही थीं। वह टीनशेड के नीचे बैठकर मोर्चरी से शव निकलने का इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि देवांश की मां का कोरोना काल में देहांत हो गया था। वह भी यूपी पुलिस में तैनात रहकर लखनऊ में सेवाएं दे रहे थे। परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। देवांश घर में छोटा बेटा था। उनका कहना था कि कभी ऐसा सोंचा नही था, कि बेटा यह कदम उठा लेगा।
देवांश और दीपक के बीच बंद कमरे में क्या हुआ?
दीपक और देवांश दोनों का अलग अलग कमरा था, लेकिन देवांश और दीपक के बीच बंद कमरे में क्या हुआ, कुछ नही पता चला ? यह राज भी देवांश के साथ चला गया। किसने किसको गोली मारी या क्या हुआ यह स्पष्ट तौर पर कहना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि देवांश पढ़ाई में अच्छा था। वह टापर की श्रेणी में ही रहता था।
पढ़ाई से अलग सोशल मीडिया पर ज्यादा ध्यान देता था, न ही किसी महिला मित्र से बातचीत करता था। पिता ने स्पष्ट कहा कि बेटे को शराब या दूसरी बुरी आदत बिल्कुल नहीं थी। उनके साथ बेटी सृष्टि और रिश्तेदार की बेटी आस्था समेत अन्य स्वजन थे।
पिता के मुताबिक, देवांश सप्ताह में छुट्टी के दिन आगरा स्थित घर आता था। घटना से पहले भी वह शनिवार को घर पहुंचा था। तब सबकुछ सामान्य था। मंगलवार को हॉस्टल पहुंचने के बाद उन्हें पुलिस से घटना की सूचना मिली। घटना से पूरा परिवार गहरे सदमें में है। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद स्वजन देवांश का शव लेकर घर रवाना हो गए।
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