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    नोएडा के नौ जीएसटी अधिकारियों पर लटकी तलवार, जांच के बाद शासन से इन्हें निलंबित करने की सिफारिश

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 04:22 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा के राज्य कर विभाग में आंतरिक खींचतान जारी है। पान मसाला के एक मामले में नौ अधिकारियों के निलंबन की सिफारिश की गई है जिन पर कम टैक्स और जुर्माना लगाने का आरोप है। जांच में 11 अगस्त को गाजियाबाद में पकड़ी गई एक गाड़ी से जुड़ा मामला सामने आया है। अपर आयुक्त ने इसे गोपनीय जांच का मामला बताया है।

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    एक वाहन में अलग-अलग अर्थदंड लगाने की जांच पूरी, निलंबन की संस्तुति।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। राज्य कर (एस जीएसटी) विभाग में इन दिनों सब  कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अधिकारी एक दूसरे के खिलाफ जांच और आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

    हाल ही में एक मामला सामने आया, जिसमें विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान सचल दल इकाईयों की ओर से पान मसाला से लोड पकड़ी गई एक ही प्रकार के वाहन में अलग-अलग जुर्माना लगाने में अनियमितता सामने आई है।

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    इस मामले में एक कमेटी गठित कर जांच कराई गई। जिसमें आरोप की पुष्टि हुई। इसी जांच आख्या के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट के साथ नौ अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति शासन से कर दी गई है। जिसके बाद कार्यालय में अंर्तकलह और बढ़ गया।

    जांच में सामने आया है कि सचल दल के अधिकारियों द्वारा 11 अगस्त को गाजियाबाद जोन में एक गाड़ी पकड़ी। जिसमें पान मसाला और तंबाकू उत्पाद पूरा भरा हुआ था।

    आरोप है कि जांच में शामिल सचल दल के अधिकारियों ने माल के एवज में कम टैक्स चोरी व कम जुर्माना लगाया गया। जिसके आधार पर मुख्यालय को सचल दल के नौ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की संस्तुति भेजी गई है।

    वहीं, इस मामले में अपर आयुक्त राज्य कर (एस जीएसटी) गौतमबुद्ध नगर संदीप भागिया ने खुद को अलग करते हुए कहा कि यह गोपनीय जांच है। इसकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती। 11 अगस्त को जिस वाहन को रोक कर जांच की गई, उसमें कम टैक्स का आंकलन किया गया है।

    दूसरी तरफ जिन नौ अधिकारियों पर निलंबन की तलवार लटकी हैं, इनमें अधिकांश ऐसे अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने पूर्व में अपर आयुक्त नोएडा जोन के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की थी।

    इस मामले में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं। कुछ दिनों पहले इस मामले की दोबारा से निष्पक्ष जांच मंडलायुक्त अलीगढ़ से कराने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक न उन्हें जांच सौंपी गई है, न ही कोई कार्रवाई हुई है।

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