नोएडा में फ्लैट रजिस्ट्री में देरी करने वाले 19 बिल्डरों पर होगी कार्रवाई, देखें लिस्ट
नोएडा अथॉरिटी ने फ्लैट रजिस्ट्री में देरी करने वाले 19 बिल्डरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर यह फैसल ...और पढ़ें

नोएडा अथॉरिटी ने फ्लैट रजिस्ट्री में देरी करने वाले 19 बिल्डरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। फाइल फोटो
कुंदन तिवारी, नोएडा। अथॉरिटी ने बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने की तैयारी कर ली है। अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर, प्रोजेक्ट्स में फंसे खरीदारों के फ्लैट्स का फायदा उठाकर उनकी रजिस्ट्री न करने वाले 19 बिल्डरों की पहचान की गई है। जल्द ही उन्हें नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। फाइनेंस डिपार्टमेंट ने बकाया रकम का हिसाब लगाना शुरू कर दिया है।
बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 165,000 फ्लैट्स फंसे हुए हैं। ये प्रोजेक्ट्स 2014 से पहले लॉन्च हुए थे। बिल्डरों ने खरीदारों से कीमत तो ले ली, लेकिन उन्हें फ्लैट्स का पजेशन नहीं दिया। जिन्हें पजेशन मिला भी, उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है। सरकार ने अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों को लागू करके बिल्डरों को राहत दी। इसके तहत, बिल्डरों को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर कुल बकाया रकम का हिसाब लगाकर 25-25 परसेंट की चार किस्तें दी गईं।
बिल्डरों को ये किस्तें हर छह महीने में अथॉरिटी के अकाउंट में जमा करनी थीं, लेकिन वे तय समय में पेमेंट नहीं कर पाए। यह डेडलाइन दिसंबर में खत्म होने वाली है। बिल्डरों के बकाया पैसे न देने की वजह से फ्लैट खरीदारों को इस स्कीम का फायदा मिला था।
बिल्डरों ने पहली किस्त जमा करके सारे फायदे ले लिए, लेकिन फ्लैट खरीदारों को पूरे फायदे से बाहर रखा गया। पहली किस्त मिलने के बाद अथॉरिटी ने 35 बिल्डरों को 5,536 फ्लैटों की रजिस्ट्री करने की परमिशन दी, लेकिन बिल्डरों ने सिर्फ करीब 3,900 फ्लैटों की ही रजिस्ट्री की है। 4 नवंबर के बाद से किसी भी बिल्डर ने इस मामले में एक कदम भी नहीं उठाया है। 9 नवंबर को अथॉरिटी ने बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए 19 बिल्डरों को फाइनल नोटिस जारी किए।
इसके बावजूद बिल्डरों ने फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं की। इसलिए, अथॉरिटी के ग्रुप हाउसिंग डिपार्टमेंट ने अब सरकारी आदेश का हवाला देते हुए फायदा पाने वाले सभी बिल्डरों से फायदे वापस लेने का फैसला किया है। फाइनेंस डिपार्टमेंट अब बिल्डरों के बकाया का हिसाब लगाने में लगा है और वेरिफिकेशन के बाद कार्रवाई करेगा।
बिल्डरों को यह भी मिला फायदा
- बिल्डरों ने 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक ज़ीरो पीरियड का फायदा उठाया, इसे COVID पीरियड मानते हुए।
- पहली किस्त जमा करने के बाद, 12 बिल्डरों ने 2011-2013 के बीच कंस्ट्रक्शन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की रोक से प्रभावित कंस्ट्रक्शन पर 78 दिन के ज़ीरो पीरियड के फायदे का फायदा उठाया।
सरकारी ऑर्डर के बाद बिल्डर-बायर का स्टेटस
| विवरण | संख्या |
|---|---|
| कुल डिफॉल्टर बिल्डर | 57 बिल्डर |
| अथॉरिटी अकाउंट में 25% डिपॉजिट जमा किए | 35 बिल्डर |
| थोड़ी रकम (आंशिक डिपॉजिट) जमा की | 12 बिल्डर |
| अभी तक एक भी रुपया जमा नहीं किया | 04 बिल्डर |
| 25% जमा करने के लिए साफ़ इनकार किया / राज़ी नहीं | 06 बिल्डर |
| विवरण | संख्या / राशि |
|---|---|
| कुल डिफॉल्टर बिल्डर | 57 बिल्डर |
| 25% डिपॉजिट जमा किए | 35 बिल्डर |
| थोड़ी रकम (आंशिक) जमा की | 12 बिल्डर |
| अभी तक एक भी रुपया नहीं जमा किया | 04 बिल्डर |
| 25% जमा करने से साफ इनकार | 06 बिल्डर |
| कुल अनरजिस्टर्ड फ्लैट (57 प्रोजेक्ट्स में) | 21,034 फ्लैट |
| 25% डिपॉजिट के बाद रजिस्ट्रेशन की इजाज़त मिली | 5,536 फ्लैट |
| अब तक रजिस्टर्ड हो चुके फ्लैट | 3,900 फ्लैट |
| पहली इंस्टॉलमेंट (25% डिपॉजिट) | ₹530 करोड़ |
| आंशिक डिपॉजिट (थोड़ा जमा) | ₹25.38 करोड़ |
| बिल्डरों ने अब तक कुल जमा रकम | ₹720 करोड़ |
बिल्डरों ने तय रकम नहीं दी है। उन्हें जो फ़ायदे मिले थे, वे अब ज़ब्त कर लिए जाएँगे। नोटिस के बावजूद बिल्डरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए, अब उनके बकाए का हिसाब शुरू हो गया है। वेरिफ़िकेशन के बाद कार्रवाई की जाएगी।
-वंदना त्रिपाठी, एडिशनल चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफ़िसर, नोएडा।

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