नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा देश का पहला मल्टी-मॉडल हब; सड़क, रेल और रैपिड रेल से होगी सीधी कनेक्टिविटी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला मल्टी-मॉडल हब बनने जा रहा है। इसे सड़क, रेल और रैपिड रेल से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को कई परिवहन विकल्प मिलेंगे और समय की बचत होगी। इस कनेक्टिविटी से क्षेत्र के विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने के साथ मल्टी माॅडल कनेक्टिविटी में भी अनूठा होगा। एकीकृत कनेक्टिविटी में यह देश के चुनिंदा एयरपोर्ट में शामिल होगा। सड़क, बस के साथ इसकी रेल कनेक्टिविटी होगी।
इससे दिल्ली-एनसीआर के अलावा आगरा, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ और हरियाणा के कई शहरों से सीधे व सुगम यात्रा करते हुए एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। यात्री कम से कम समय में एयरपोर्ट तक पहुंच सकें, इसके लिए नए लिंक एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जल्द उद्घाटन और संचालन शुरू को देखते हुए यात्रियों के लिए यह कनेक्टिविटी बेहद अहम हैं।
हर तरफ से सड़क कनेक्टिविटी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। इसके साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से 31 किमी लंबी लिंक रोड बनाकर इसे जोड़ा गया है। यह रोड बल्लभगढ़ से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेस वे पर बने इंटरचेंज से होकर नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ती है। इस रोड के जरिये हरियाणा सीधे एयरपोर्ट से जुड़ गया है।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण एनएचएआई तेजी से कर रहा है। इससे गाजियाबाद, मेरठ, पलवल और सोनीपत से भी सीधा एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। औद्योगिक और मालवाहक वाहनों के लिए एयरपोर्ट के उत्तर और पूर्व में आठ किमी रोड लगभग बनकर तैयार हैं। 60 मीटर चौड़ी सड़क को भी कनेक्टिविटी के लिए तैयार किया जा रहा है।
रेल और रैपिड रेल से भी जुड़ेगा एयरपोर्ट
दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक रीजनल रैपिड रेल (आरआरटीएस) परियोजना प्रस्तावित है। इसका डीपीआर राज्य सरकार कर चुकी है। इसके जरिये एयरपोर्ट दिल्ली से गाजियाबाद होकर रेल से सीधे जुड़ जाएगा। चोला-रुंधी रेल लाइन के लिए रेल मंत्रालय विचार कर रहा है। एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कारिडोर से भी जोड़ा जाएगा। एयरपोर्ट में इसका स्टेशन पर स्वीकृति बन चुकी है। इसके जरिये 21 मिनट में दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।
इलेक्ट्रिक बसों से अंतिम गंतव्य तक पहुंचेंगे यात्री
एयरपोर्ट को आसपास के शहरों और मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने के लिए परिवहन निगमों के साथ समझौता किया गया है। उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ भी अंतरराज्यीय बस सेवा को अनुबंध या सहमति हो चुकी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण मिलकर 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाएंगे। इसके लिए एक एसपीवी गठित होगी।
इससे यात्रियों को अंतिम गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर महिंद्रा लाजिस्टिक्स की कैब,उबर, रैपिडो और मेक माइ ट्रिप कंपनी कैब सेवा देंगी। ओला के साथ अनुबंध भी अंतिम चरण में है। यात्री मोबाइल ऐप से कैब बुक, किराया देख सकेंगे और लाइव ट्रैकिंग कर सकेंगे। इससे यात्रा आरामदेय के साथ सुरक्षित भी होगी।
यात्रियों को खुद चलाने वाली या ड्राइवर सहित कारें किराए पर लेने की सुविधा भी मिलेगी। कंपनियां इस सेवा के लिए तैयार हैं।
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